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नई दिल्ली: रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने दो वरिष्ठ सेवारत सैन्य अधिकारियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति हासिल करने के मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की है। ये दोनों सैन्य अधिकारी मेजर जनरल हैं तथा आरोप है कि बार्डर रोड आर्गेनाइजेशन (बीआरओ) में नियुक्ति के दौरान उन्होंने अवैध तरीकों से संपर्त्ति अर्जित की। रक्षा मंत्री ने दोनों की फाइल सीबीआई को भेज दी है और एक विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है। रक्षा मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि इन दो अधिकारियों के खिलाफ मिली शिकायतों को सीबीआई को जांच के लिए भेजा गया है। दरअसल, यह मामला पिछले साल अगस्त में तब सामने आया था जब लेफ्टिनेंट जनरल के तीन रिक्त पदों को भरने के लिए आवेदन मांगे गए थे।

कुल ३३ मेजर जनरल ने आवेदन किए थे जिनमें से नियुक्ति बोर्ड ने कुछ नाम छांटे गए थे। लेकिन इसके बाद इनमें से दो अधिकारियों के बारे में बड़े पैमाने पर मंत्रालय को शिकायतें प्राप्त हुई। कुछ शिकायतें सोशल मीडिया पर भी वायरल हुई। सूत्रों ने अनुसार रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए जांच की। जांच में यह पता चला कि इनमें से दो अधिकारियों के खिलाफ बीआरओ में रहते हुए परियोजनाओं में गड़बड़ी की शिकायतें थी। जिसकी सीबीआई ने जांच भी की थी। लेकिन जांच में आपराधिक मामला चलाने लायक सुबूत नहीं मिले। अलबत्ता ऐसे मामले में विभागीय कार्यवाही के लायक तथ्य जरूर थे। सूत्रों के अनुसार दोनों अधिकारियों के खिलाफ इस मामले में विभागीय कार्रवाई भी नहीं हो पाई क्योंकि इनकी फाइल सेना में इधर-उधर घूमती रही या फिर ये अधिकारी अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर बचते रहे। इधर, जब लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर प्रोन्नति की प्रक्रिया शुरू हुई तो दोनों अधिकारी विजिलेंस क्लियरेंस हासिल करने में सफल रहे। क्योंकि उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू ही नहीं हो पाई थी। दरअसल, मंत्रालय इस मामले में सीबीआई से पुरानी जांच रिपोर्ट का भी ब्यौरा चाहता है। रक्षा सूत्रों के अनुसार इन अधिकारियों के मामले में सीबीआई की पुरानी रिपोर्ट भी मांगी गई है। अगर उसके बाद नई जांच नहीं होती है तो पुरानी जांच के आधार पर विभागीय कार्रवाई होना तो तय है।

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