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'संघर्ष विराम में नहीं थी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता': विदेश सचिव मिस्री
मंत्री शाह को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, जांच के लिए एसआईटी गठित

नई दिल्ली: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को सरकार पर नेट न्यूट्रिलिटी पर फैसले को बार-बार चर्चा के बहाने लंबित करने का आरोप लगाया। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि ‘डिजिटल इंडिया’ बड़े सुदूर निगमों द्वारा नियंत्रित इंटरनेट के लिए ‘मीठी मीठी बात’ नहीं बन सकता। राहुल ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा से ‘इंटरनेट के लिए आजादी’ और ‘नेट न्यूट्रिलिटी’ की वकालत की है और पार्टी चाहती है कि इंटरनेट सेवा प्रदाता (आईएसपी)-दूरसंचार सेवा प्रदाता (टीएसपी) और सरकार को इंटरनेट पर समस्त डाटा को एक समान मानना चाहिए। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने एक बयान में कहा, ‘डिटिजल इंडिया के साथ लोगों की इंटरनेट तक, पूरे इंटरनेट तक पहुंच और बढ़े और वेब पर मुख्य रूप से कोई फिल्टर नहीं लगे।

नई दिल्ली: रोहित वेमुला की आत्महत्या के मामले में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर सरकार पर हमला बोला है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि पहले जिंदगी छीनी गई, अब वे उसकी पहचान भी छीन लेना चाहते हैं। रोहित और उसका संघर्ष हमारे दिलों में जिंदा है। राहुल गांधी के इस बयान को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के उस वक्तव्य का जवाब माना जा रहा है, जिसमें सुषमा ने कहा है कि रोहित वेमुला दलित नहीं था और इस सारे मामले को बेवजह तूल दिया गया है। सुषमा स्वराज ने शनिवार को कहा कि इस मामले के तथ्य सामने आ गए हैं और जो मेरी जानकारी है उसके मुताबिक छात्र दलित समुदाय से नहीं था। उसे दलित कहकर पूरे मामले को कुछ लोगों ने एक सांप्रदायिक तरीके से उठाया।

नई दिल्ली: बुनियादी ढांचा निर्माण को एक प्रमुख चुनौती बताते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि देश को अगले कुछ साल में सड़कों, बंदरगाहों व हवाई अड्डों के निर्माण के लिए 1,000 अरब डॉलर की जरूरत होगी। गडकरी ने एक न्यूज़ चैनल पर अपनी बात रखते हुए कहा कि एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत को नई सड़कों, बंदरगाहों और हवाई अड्डों के लिए अगले कुछ साल में 1,000 अरब डॉलर या 67,00,000 करोड़ रुपए की जरूरत है। गडकरी ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार देश के बुनियादी ढांचे में बड़ा बदलाव लाने की तैयारी कर रही है और इस प्राथमिकता वाले क्षेत्र के लिए धन की कोई कमी नहीं है। अपनी बात पूरी करते हुए गडकरी ने कहा ‘धन की कोई समस्या नहीं है, सोच की जरूरत है। दुर्भाग्य से हमारी अफसरशाही में उत्साह की कमी है।’

नई दिल्ली: बलात्कार और हत्या जैसे जघन्य अपराधों में संलिप्त 16 साल और उससे अधिक आयु के किशोरों पर वयस्कों की भांति मुकदमा चलाने संबंधी हाल ही में पारित किशोर न्याय कानून (जुवेनाइल जस्टिस एक्ट) के नए प्रावधान की संवैधानिकता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। संसद ने शीतकालीन सत्र में किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) कानून, 2015 पारित किया था। इस संशोधन की संवैधानकिता को कांग्रेस के नेता तहसीन पूनावाला ने चुनौती देते हुए जनहित याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि नया कानून अनुचित, मनमाना और संविधान के अनुच्छेद 14 में प्रदत्त समता के अधिकार का उल्लंघन करने वाला है। याचिका में नए कानून की धारा 15 को चुनौती दी गई है।

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