ताज़ा खबरें
'हाईकोर्ट के आदेश तक ट्रायल कोर्ट कोई कार्रवाई न करे': सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने कई पहलवानों की शिकायतों के आधार पर दर्ज यौन उत्पीड़न मामले में भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह और महासंघ के सहायक सचिव विनोद तोमर सिंह को नियमित जमानत दे दी है। कोर्ट ने बृजभूषण शरण सिंह को सशर्त जमानत दी है। बिना कोर्ट की मंजूरी के भाजपा सांसद विदेश नहीं जा सकेंगे। शिकायतकर्ताओं को कोई प्रलोभन और धमकी नहीं देने के भी कोर्ट ने निर्देश दिए हैं। साथ ही कोर्ट ने कहा कि सभी शर्तों का कड़ाई से पालन कििया जाए।

जानकारी के लिए बता दें कि बीती 18 जुलाई को बृज भूषण सिंह को कोर्ट की ओर से 20 जुलाई तक अंतरिम जमानत दी थी। आरोपी विनोद तोमर को भी अंतरिम जमानत मिल गई थी। साथ ही कहा था कि उनकी नियमित जमानत पर बृहस्पतिवार को सुनवाई होगी।

अंतरिम जमानत पर सुनवाई के दौरान राउज एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल के समक्ष अभियोजन पक्ष ने जमानत पर आपत्ति नहीं जताई थी।

नई दिल्ली: मणिपुर में एक समुदाय की दो महिलाओं को खुलेआम बिना कपड़ों के परेड कराने को लेकर देशभर में गुस्सा है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का स्वत: संज्ञान ले लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वो मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न घुमाने के कल सामने आए वीडियो से वास्तव में परेशान है। देश के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सरकार से इस मामले पर कार्रवाई करने को कहा है। इसके अलावा चीफ जस्टिस ने कहा कि ऐसी घटनाओं को बिल्कुल भी स्वीकार नहीं किया जा सकता है। सीजेआई ने कहा कि ये संवैधानिक अधिकारों का हनन है, अगर सरकार कार्रवाई नहीं करेगी तो हम करेंगे।

इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कार्रवाई के निर्देश देते हुए राज्य सरकार से रिपोर्ट भी तलब की है। सुप्रीम कोर्ट ने बताया है कि अगले हफ्ते शुक्रवार को इस मामले पर सुनवाई होगी। इस मामले को लेकर सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, "हमें इन तस्वीरों से धक्का पहुंचा है। हिंसा प्रभावित क्षेत्र में महिलाओं को सामान की तरह इस्तेमाल किया गया। हमें यह बताया जाए कि जो लोग इसके जिम्मेदार हैं, उन पर क्या कार्रवाई हुई।"

नई दिल्ली: मणिपुर में जारी हिंसा और दिल्ली अध्यादेश पर घमासान की आशंका के बीच संसद का मानसून सत्र आज से शुरू होने जा रहा है। एकजुटता बैठक के बाद होने जा रहे मानसून सत्र में विपक्षी दल और राजग के तीखे तेवर देखने को मिल सकते हैं। कांग्रेस ने मणिपुर हिंसा पर चर्चा से कोई समझौता नहीं करने का ऐलान कर अपने तेवर पहले ही स्पष्ट कर दिया है। वहीं सरकार की ओर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने साफ किया कि संसदीय नियमों और अध्यक्ष के निर्देशों के अनुरूप वह मणिपुर समेत किसी भी विषय पर चर्चा के लिए तैयार है।

मणिपुर हिंसा पर चर्चा से कोई समझौता नहीं करने का ऐलान से साफ है कि इसको लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हो सकती है। सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, सीपीएम समेत तमाम विपक्षी दलों ने मणिपुर हिंसा पर चर्चा को प्राथमिकता पर रखा। इसके साथ ही दिल्ली अध्यादेश को लेकर भी एकजुट विपक्ष हमलावर दिखेगी और सरकार को घेरने की कोशिश करेगी। आदमी पार्टी समेत सभी विपक्षी नेता सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ लाए इस अध्यादेश को लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ बता चुके हैं।

नई दिल्ली: संसद का मॉनसून सत्र 20 जुलाई से शुरू हो रहा है। मोदी सरकार संसद के मॉनसून सत्र में मणिपुर में हुई जातीय हिंसा पर चर्चा के लिए सहमत हो गई है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल मणिपुर हिंसा को लेकर पहले से ही केंद्र सरकार पर हमलावर है। ऐसे में मॉनसून सत्र के हंगामेदार होने की संभावना है। संसद के मॉनसून सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि सरकार संसद में सभी मामलों पर चर्चा करने के लिए तैयार है। इसमें मणिपुर में 2 महीने तक चली जातीय हिंसा भी शामिल है। मणिपुर में 3 मई से शुरू हुई जातीय हिंसा में अब तक कम से कम 120 से अधिक लोग मारे गए हैं।

संसद के मॉनसून सत्र से पहले बुधवार को सर्वदलीय बैठक हुई। इसमें भी कांग्रेस ने मंहगाई और मणिपुर हिंसा समेत कई मुद्दों पर चर्चा होने की बात रखी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि मणिपुर हिंसा और महंगाई जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष कोई समझौता नहीं कर सकता। संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने की प्राथमिक जिम्मेदारी सरकार की है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख