नई दिल्ली: संसद का मॉनसून सत्र 20 जुलाई से शुरू हो रहा है। मोदी सरकार संसद के मॉनसून सत्र में मणिपुर में हुई जातीय हिंसा पर चर्चा के लिए सहमत हो गई है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल मणिपुर हिंसा को लेकर पहले से ही केंद्र सरकार पर हमलावर है। ऐसे में मॉनसून सत्र के हंगामेदार होने की संभावना है। संसद के मॉनसून सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि सरकार संसद में सभी मामलों पर चर्चा करने के लिए तैयार है। इसमें मणिपुर में 2 महीने तक चली जातीय हिंसा भी शामिल है। मणिपुर में 3 मई से शुरू हुई जातीय हिंसा में अब तक कम से कम 120 से अधिक लोग मारे गए हैं।
संसद के मॉनसून सत्र से पहले बुधवार को सर्वदलीय बैठक हुई। इसमें भी कांग्रेस ने मंहगाई और मणिपुर हिंसा समेत कई मुद्दों पर चर्चा होने की बात रखी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि मणिपुर हिंसा और महंगाई जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष कोई समझौता नहीं कर सकता। संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने की प्राथमिक जिम्मेदारी सरकार की है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस दिल्ली से संबंधित केंद्र के अध्यादेश के स्थान पर लाए जाने वाले विधेयक का विरोध करेगी, क्योंकि यह एक चुनी हुई सरकार के संवैधानिक अधिकारों पर अंकुश लगाने वाला है। जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस संसद चलाने के लिए रचनात्मक सहयोग करने के लिए तैयार है, लेकिन केंद्र सरकार को ‘माई वे या हाईवे' वाला रवैया छोड़ना होगा। जयराम रमेश ने कहा कि मॉनसून सत्र में मणिपुर के मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब और गृहमंत्री अमित शाह की जवाबदेही तय करने की मांग भी की जाएगी।
मॉनसून सत्र में विपक्ष ने मणिपुर के अलावा महंगाई, केंद्रीय जांच एजेंसियों को दुरुपयोग, दिल्ली सेवा अध्यादेश को लेकर केंद्र के लिए मुश्किलें खड़ी करने की तैयारी की है। संसद का मॉनसून सत्र 11 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान 17 दिन कामकाज होगा। लोकसभा में तो सरकार के सामने कोई चुनौती नहीं है, लेकिन राज्यसभा में विपक्ष एकजुट हो गया तो सरकार की चुनौतियां बढ़ सकती हैं।
आप के सांसद संजय सिंह ने ट्वीट कर कहा, ''सर्वदलीय बैठक में मोदी सरकार से दिल्ली के काले अध्यादेश को वापस लेने की मांग उठाई। सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों का फैसला 8 दिन कैसे बदल दिया गया? आखिर अध्यादेश के जरिए संविधान संशोधन कैसे किया जा सकता है? ज्यादातर दलों ने मोदी सरकार के काले अध्यादेश का विरोध किया।''
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, संसद के मानसूत्र सत्र के दौरान सरकारी कार्यों की संभावित सूची में 21 नये विधेयकों को पेश और पारित करने के लिए शामिल किया गया है। इसमें दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक 2023 भी शामिल है। यह विधेयक संबंधित अध्यादेश का स्थान लेने के लिए पेश किया जाएगा।
बीजेडी, वाईएसआरसीपी और बीआरएस ने क्या कहा?
बीजेडी के राज्यसभा सांसद सस्मित पात्रा कहा कि उनकी पार्टी ने महिला आरक्षण बिल पर चर्चा करके इसे पास कराने की मांग की है। इसके अलावा उन्होंने ओडिशा को विशेष राज्य का दर्जा देने को कहा है।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआरसीपी और तेलंगाना के सीएम बीआरएस ने भी महिला आरक्षण की वकालत की।