ताज़ा खबरें

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को उस याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए दो और हफ्ते का समय दिया जिसमें पनामा पेपर मामले में जिन भारतीयों के नाम विदेशी बैंक में खाता रखने को लेकर आया था उनके खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की गई है। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति सी नागप्पन की पीठ ने सरकार को हलफनामा दायर करने के लिए और समय दिया जब केंद्र ने अदालत से कहा कि जांच प्रगति पर है और वह आरोपों की जांच कर रही है। अदालत ने केंद्र को महाराष्ट्र के पूर्व विधानपाषर्द माणिक भीमराव जाधव की नई लेकिन उसी तरह की याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें विदेशी कंपनियों में अवैध निवेश की जांच के लिए कमीशन ऑफ इन्क्वायरी गठित करने की मांग की गई है। पीठ ने कहा कि वह नई याचिका को पहले से इस मुद्दे पर लंबित जनहित याचिका के साथ जोड़ देगी। सरकार ने सूची में किए गए खुलासों की जांच के लिए विभिन्न जांच एजेंसियों के मल्टी एजेंसी ग्रुप (एमएजी) का गठन किया है। उस सूची में तकरीबन 500 भारतीय कंपनियों के नाम शामिल हैं।

नई दिल्ली: उत्तर-पश्चिम दिल्ली से भाजपा सांसद उदित राज के ट्वीट ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने अपने ट्विटर पेज पर लिखा कि दुनिया में मशहूर जमैका के धावक उसेन बोल्ट ने बीफ खाकर ओलंपिक में 9 गोल्ड मेडल जीते। भाजपा सांसद ने ट्वीट किया, ‘जमैका के उसेन बोल्ट बहुत गरीब थे। उनके प्रशिक्षक ने उन्हें दोनों वक्त बीफ खाने की सलाह दी थी और उन्होंने ओलंपिक में 9 गोल्ड जीते।’ बीफ भाजपा के लिए बेहद भावनात्मक मुद्दा है और देश में भाजपा शासित सरकारों ने बीफ के कारोबार पर प्रतिबंध लगाने के लिए कड़े कानून बनाए हैं। बहरहाल, उदित ने यह कहकर विवाद को कम करने की कोशिश की कि उन्होंने बस बोल्ट के प्रशिक्षक की बातों को दोहराया है और उनके कहने का यही मतलब था कि कोई भी एथलीट विपरीत परिस्थितियों के बावजूद रास्ता तलाश सकता है और उन्हें अपनी नाकामियों के लिए हालात को जिम्मेदार नहीं मानना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत में खिलाड़ियों के लिए सुविधाओं की कमी नहीं थी। उन्होंने कहा, ‘मैं यही कहना चाहता हूं कि इस बात की दुहाई देते रहना कि हमारे पास बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं या यहां भ्रष्टाचार को खत्म किया जाना चाहिए, इन बातों को परे हटाकर उसेन बोल्ट से सबक, समर्पण की सबक लेनी चाहिए। मैं जो कहना चाहता हूं वह यह कि हमारे खिलाड़ी रास्ते और तरीके तलाशें, जिस तरह से उन्होंने (उसेन बोल्ट ने) किया।’

नई दिल्ली: आस्ट्रेलिया की एक अदालत ने सोमवार को ‘द आस्ट्रेलियन’ अखबार की ओर से स्कॉर्पिन पनडुब्बी संबन्धी डेटा को आगे प्रकाशित करने के खिलाफ अस्थायी आदेश जारी कर दिया। अदालत ने फ्रांसीसी कंपनी डीसीएनएस की ओर दायर आवेदन पर आदेश जारी किया। अखबार का कहना है कि अदालत की ओर से अस्थायी आदेश दिया गया है। उसने पहले कहा था कि वह सोमवार को इस पनडुब्बी की शस्त्र प्रणाली से जुड़े दस्तावेजों को प्रकाशित करेगा, हालांकि उसने ऐसा नहीं किया। पेरिस में कंपनी के मुख्यालय ने एक बयान में कहा, ‘डीसीएनएस ने आवेदन देकर मांग की है कि द आस्ट्रेलियन उन दस्तावेजों को हटाए जो उसने अपनी वेबसाइट पर डाली है तथा अन्य दस्तावेजों का और कोई प्रकाशन रोके।’ कंपनी के वकील ने कल अखबार से कहा था कि अत्यधिक महत्वपूर्ण इन दस्तावेजों के प्रकाशन से संवदेनशील और प्रतिबंधित सूचनाओं एवं चित्रों के प्रसार के लिहाज से डीसीएनएस तथा उसकी छवि और उसके ग्राहक को सीधा नुकसान पहुंचता है। इस फ्रांसीसी कंपनी के सहयोग से भारतीय नौसेना के लिए मुम्बई में बनायी जा रही छह उच्च उन्नत पनडुब्बियों की क्षमताओं के बारे में 22,000 से अधिक पन्नों के गुप्त आंकड़े लीक कर दिए गए हैं। फ्रांसीसी सरकारी अभियोजक ने इस डेटा लीक की प्राथमिक जांच शुरू कर दी है।

नई दिल्ली: पंजाब के पठानकोट में एयरफोर्स बेस पर हुए आतंकी हमले को लेकर अमेरिका ने फिर पाकिस्‍तान की पोल खोली है। पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले के संबंध में अमेरिका ने भारत को कुछ नए सबूत सौंपे हैं। इन सबूतों से साफ है कि हमले की साजिश पाकिस्‍तान में ही रची गई थी। इन सबूतों के अनुसार, साजिश को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान की धरती का इस्तेमाल किया गया था। अमेरिका ने इस बात की पुष्टि की है कि पठानकोट हमले की साजिश पाकिस्तान से ही रची गई थी। एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक इस मामले में अमेरिका ने भारत को कुछ सबूत सौंपे हैं। अमेरिका ने यह सबूत ऐसे समय में भारत को दिए है जब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर के खिलाफ पठानकोट हमले के संदर्भ में चार्जशीट दायर करने पर विचार कर रही है। अमेरिका ने एनआईए को जानकारी दी है कि जनवरी में एयरबेस पर हुए हमले के दौरान जैश-ए-मोहम्मद के हैंडलरों के फेसबुक का आईपी एड्रेस और जैश के वित्तीय मामलों को देख-रेख करने वाले संगठन अल रहमत ट्रस्ट की वेबसाइट का आईपी एड्रेस और लोकशन पाकिस्तान में ही है। अमेरिका जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि जैश के हैंडलर काशिफ जान के दोस्तों तथा पठानकोट में मारे गए चारों आतंकियों (नासिर हुसैन, हाफिज अबू बकर, उमर फारूख और अब्दुल कयूम) ने जिस फेसबुक ग्रुप्स का उपयोग किया था वे जैश से जुड़े हुए थे।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख