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नई दिल्ली: देश भर में चल रहे बुलडोजर एक्शन का मामला सोमवार (2 सितंबर 2024) को सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। उदयपुर में चाकू मारने के आरोपी बच्चे के पिता के घर पर बुलडोजर चलने के मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की। सुनवाई के दौरान सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि म्युनिसिपल नियमों के मुताबिक नोटिस देकर ही अवैध निर्माण को ढहाया जा सकता है। किसी के किसी अपराध में आरोपी होने के चलते नहीं। इस पर कोर्ट ने कहा कि इस बारे में कुछ दिशानिर्देश तय करने की ज़रूरत है, जिसका सभी राज्य पालन करें।

17 सितंबर को होगी मामले में अगली सुनवाई

यूपी सरकार की तरफ से पेश हुए तुषार मेहता ने कहा कि ज्यादातर मामलों में अवैध निर्माण के खिलाफ नोटिस पहले ही दिया गया था। इस पर कोर्ट ने कहा कि हम भी अवैध निर्माण को बचाने के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन किसी लड़के की गलती के चलते उसके पिता का घर गिरा देना सही नहीं हो सकता। इसके बाद मेहता ने कहा कि हम भी सभी पक्षों से बात कर समाधान की कोशिश करेंगे।

तुषार मेहता की बात सुनने के बाद जज ने सभी पक्षों से कहा कि वे वरिष्ठ वकील नचिकेता जोशी को अपने सुझाव दें। उन्हें देखने के बाद पूरे देश के लिए गाइडलाइंस बनाए जाएंगे। अब इस मामले में 17 सितंबर को अगली सुनवाई होगी।

उदयपुर मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा

बता दें कि उदयपुर में चाकू मारने के आरोपी बच्चे के पिता के घर पर बुलडोजर की कार्रवाई पर हो रही इस सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि एक पिता का बेटा अड़ियल हो सकता है, लेकिन अगर इसके लिए उसका घर गिरा दिया जाए... तो ऐसा करने का यह तरीका सही नहीं है।

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