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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): बिना फार्म और पहचान प्रमाण के दो हजार रुपये के नोट बदलने की अनुमति के खिलाफ दायर जनहित याचिका का भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने दिल्ली हाईकोर्ट में विरोध किया। आरबीआई की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता पराग त्रिपाठी ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि याचिका को भारी जुर्माना लगाते हुए खारिज किया जाना चाहिए।

दिल्ली हाईकोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने तमाम निर्णयों में कहा है कि अदालतों को नीतिगत मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। आरबीआई की दलील सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा व न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा कि अदालत उचित निर्णय पारित करेगी।

वहीं, याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय ने याचिका दायर कर कहा कि आरबीआई व भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) द्वारा जारी अधिसूचनाएं मनमाना, तर्कहीन होने के साथ ही संविधान के अनुच्छेद-14 का उल्लंघन करती हैं।

नई दिल्ली: देश के सभी बैंकों और भारतीय रिजर्व बैंक की 19 क्षेत्रीय शाखाओं में आज यानी मंगलवार से दो हजार रुपये के नोट बदले जाएंगे। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, लोगों के पास चार महीने का वक्त है। आराम से बैंक जाएं और नोट बदलें। घबराने की जरूरत नहीं है। बैंकों के पास पर्याप्त पैसा है। दास ने कहा, बैंकों की शाखाओं में भीड़ लगने की आशंका नहीं है। नोट बदलवाने के लिए जल्दबाजी की जरूरत नहीं है। उन्होंने लोगों से भी आग्रह किया कि भीड़ न लगाएं। दास ने स्पष्ट किया, कारोबारी समेत कोई भी संस्थान दो हजार का नोट लेने से इंकार नहीं कर सकता।

प्रभावित नहीं होंगी आर्थिक गतिविधियां

2000 के नोट को चलन से बाहर करने के फैसले के बाद आरबीआई गवर्नर दास ने कहा, जिन लोगों के पास बैंक खाता नहीं है, पर 2000 का नोट है, उनके लिए सबकी तरह नोट बदलने की प्रक्रिया लागू होगी। दास ने कहा, लोग आश्वस्त रहें, पर्याप्त संख्या में नोट उपलब्ध हैं। आरबीआई और बैंकों के करेंसी चेस्ट में पर्याप्त पैसा है।

नई दिल्ली: भारत रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि रोजाना जमा हो रहे दो हजार के के नोट का डेटा मेंटेन करें। आरबीआई की ओर से 22 मई को इससे संबंधित निर्देश जारी किए गए हैं। आरबीआई की ओर से कहा गया है कि नियमों के तहत जितने चाहे उतने नोट बदले जा सकते हैं। साथ ही, केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा है कि बाजार में दूसरे मूल्य वर्ग के नोटों की कमी नहीं है।

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि आम जनता को काउंटर पर 2000 रुपये के नोट बदलने की सुविधा सामान्य तरीके से प्रदान की जाएगी, जैसा कि पहले प्रदान किया जा रहा था।

नोट बदलने के लिए चार महीने का वक्त दिया जााएगा। दास ने कहा कि दो हजार रुपये के नोटों को चलन से बाहर करने का फैसला क्लीन नोट पॉलिसी के तहत लिया गया है। आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि दो हजार रुपये के नोट बदलने की पूरी तैयारी की गई है। 23 मई से किसी भी बैंक में एक समय में 2000 रुपये के नोटों को अन्य मूल्यवर्ग के बैंकनोटों में बदलने की सीमा 20,000 रुपये तक होगी।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): सरकारी बैंकों का मुनाफा वित्त वर्ष 2022-23 में एक लाख करोड़ के आंकड़े को पार कर गया है। इसमें से आधे से अधिक योगदान देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ओर से आया है।

बैंक की ओर से जारी किए गए नतीजों का विश्लेषण करने पर पता चला कि वित्त वर्ष 2017-18 में सरकारी बैंक द्वारा 85,390 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया गया था, वित्त वर्ष 2022-23 में ये आंकड़ा 1,04,649 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।

एक लाख करोड़ के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा सरकारी बैंकों का मुनाफा

देश के 12 बैंकों की ओर से मुनाफे में वित्त वर्ष में 2022-23 में 57 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया है। 2021-22 में बैंकों को 66,539.98 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया गया है। प्रतिशत के संदर्भ में 2022-23 में बैंक ऑफ महाराष्ट्र का मुनाफा सबसे अधिक 126 प्रतिशत बढ़कर 2,602 करोड़ रुपये हो गया है। इसके बाद यूको बैंक का मुनाफा 100 प्रतिशत बढ़कर 1,862 करोड़ रुपये और बैंक ऑफ बड़ौदा का मुनाफा 94 प्रतिशत बढ़कर 14,110 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।

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