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नई दिल्ली: जीएसटी रिफंड का दावा करने के लिए सरकार ने करदाताओं के आधार कार्ड का सत्यापन अनिवार्य कर दिया है। इस बारे में सीबीआईसी ने शनिवार को नियमों में बदलाव की सूचना दी। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर व सीमा शुल्क बोर्ड ने कर चोरी रोकने के विभिन्न उपायों से संबंधित नियमों में बदलाव किया है। इनमें जीएसटी रिफंड के नियम भी शामिल हैं। अब रिफंड उसी खाते में होगा, जो उसी पैन से जुड़ा होगा, जिससे जीएसटी पंजीयन कराया गया है।

संशोधित नियमों की अधिसूचना में कहा गया है कि 1 जनवरी 2022 से जो कारोबारी समरी रिटर्न व मासिक जीएसटी का भुगतान करने में चूक करेंगे, वो अगले माह का जीएसटीआर-1 फाइन नहीं कर सकेंगे। नियमों में संशोधन की यह अधिसूचना 17 सितंबर को लखनऊ में हुई जीएसटी परिषद की बैठक में लिए गए निर्णयों के अनुसार जारी की गई है।

एएमआरजी एंड एसोसिट्स के वरिष्ठ साझेदार रजत मोहन का कहना है कि कर चोरी रोकने के लिए सरकार ने आधार का सत्यापन अनिवार्य किया है।

नई दिल्ली: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज (25 सितंबर) पहले राष्ट्रीय सहकारिता सम्मेलन को संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि सहकारी संस्थाएं देश को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में योगदान देंगी। केंद्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि गरीब कल्याण और अंत्योदय की कल्पना सहकारिता के बिना नहीं हो सकती है।

नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में शाह ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव पर और ऐसे समय पर जब देश को सहकारिता आंदोलन की सबसे ज्यादा जरूरत थी, तब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने स्वतंत्र सहकारिता मंत्रालय बनाया। उन्होंने कहा कि मैं आप सभी की ओर से उनको बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं। शाह ने कहा कि देश में विकास की जब बात होती थी, तब सबसे पहले अंत्योदय की बात आती थी, जिसकी कल्पना पंडित दीनदयाल जी ने की थी।

शाह ने कहा, "देश के विकास में सहकारिता का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है। हमें नए सिरे से सोचना पड़ेगा, नए सिरे से रेखांकित करना पड़ेगा, काम का दायरा बढ़ाना पड़ेगा, पारदर्शिता लानी पड़ेगी।"

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने स्थायी लेखा संख्या यानी पेन से आधार को लिंक करने की समय सीमा छह महीने बढ़ा दी है। पहले यह समय-सीमा 30 सितंबर, 2021 को खत्म हो रही थी लेकिन अब इसे बढ़ाकर 31 मार्च, 2022 कर दिया गया है। वित्त मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है.

आयकर अधिनियम के तहत जुर्माने की कार्यवाही पूरी करने की नियत तारीख भी 30 सितंबर, 2021 से बढ़ाकर 31 मार्च, 2022 कर दी गई है। सीबीडीटी ने इस आशय का नोटिफिकेशन शुक्रवार (17 सितंबर) को जारी किया है।

बता दें कि सरकार ने 23 मार्च 2021 को लोकसभा से पारित हुए फाइनेंस बिल 2021 में आयकर अधिनियम 1961 में नया सेक्शन 23एच जोड़ा है। इसी के तहत जुर्माने का प्रावधान किया गया है। नए नियम के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति निश्चित समय सीमा के तहत पैन को आधार से लिंक नहीं कराता है तो उसका पैन निष्क्रिय किया जा सकता है।

नई दिल्ली: जीएसटी काउंसिल की शुक्रवार को हुई बैठक के बाद वित्त मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके उसके फैसलों के बारे में बताया। पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि केरल हाईकोर्ट के आदेश की वजह से इस पर चर्चा की गई थी। लेकिन कुछ सदस्यों ने कहा कि वो यह नहीं चाहते हैं। इसके बाद जीएसटी काउंसिल ने फैसला किया कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने का अभी वक्त नहीं है।

वित्त मंत्री ने कहा कि कुछ जीवनरक्षक दवाओं को जीएसटी से छूट दी गई है। ये दवाएं कोरोना से जुड़ी नहीं हैं लेकिन बेहद महंगी है। उन्होंने कहा, मैं ऐसी दो दवाओं के नाम ले रही हूं जो बेहद महंगी हैं। ये हैं जोलगेंज्मा और विलटेस्पो। इन दोनों की कीमत करीब 16 करोड़ रुपये है। काउंसिल ने इन पर जीएसटी में छूट देने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा, जीएसटी काउंसिल ने कोरोना के इलाज में इस्तेमाल दवाओं पर जीएसटी में छूट 31 दिसंबर तक बढ़ा दी है। इसके अलावा कैंसर के इलाज में इस्तेमाल दवा पर जीएसटी 12 से घटाकर 5 फीसदी कर दी है।

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