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नई दिल्ली: जीएसटी काउंसिल की शुक्रवार को हुई बैठक के बाद वित्त मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके उसके फैसलों के बारे में बताया। पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि केरल हाईकोर्ट के आदेश की वजह से इस पर चर्चा की गई थी। लेकिन कुछ सदस्यों ने कहा कि वो यह नहीं चाहते हैं। इसके बाद जीएसटी काउंसिल ने फैसला किया कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने का अभी वक्त नहीं है।

वित्त मंत्री ने कहा कि कुछ जीवनरक्षक दवाओं को जीएसटी से छूट दी गई है। ये दवाएं कोरोना से जुड़ी नहीं हैं लेकिन बेहद महंगी है। उन्होंने कहा, मैं ऐसी दो दवाओं के नाम ले रही हूं जो बेहद महंगी हैं। ये हैं जोलगेंज्मा और विलटेस्पो। इन दोनों की कीमत करीब 16 करोड़ रुपये है। काउंसिल ने इन पर जीएसटी में छूट देने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा, जीएसटी काउंसिल ने कोरोना के इलाज में इस्तेमाल दवाओं पर जीएसटी में छूट 31 दिसंबर तक बढ़ा दी है। इसके अलावा कैंसर के इलाज में इस्तेमाल दवा पर जीएसटी 12 से घटाकर 5 फीसदी कर दी है।

वित्त मंत्री ने कहा, वाहनों के लिए रेट्रो फिटमेंट किट, जो दिव्यांगों द्वारा इस्तेमाल की जाती है, उस पर जीएसटी घटाकर 5 फीसदी कर दी गई है। उन्होंने कहा, डीजल में मिलाये जाने वाले बायोडीजल पर जीएसटी दर को 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत किया गया।'

साथ ही वित्त मंत्री ने कहा कि राज्यों के मंत्रियों का एक समूह दरों को तर्कसंगत बनाये जाने संबंधी मुद्दों पर गौर करेगा और दो माह में अपनी सिफारिशें देगा।

 

 

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