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नई दिल्ली: केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को नेशनल एसेट कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड द्वारा जारी किए जाने वाले प्रतिभूति रसीद को सपोर्ट करने के लिए 30,600 करोड़ रुपये की केंद्र सरकार की गारंटी को अपनी मंजूरी दे दी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी। उन्होंने साथ ही जानकारी दी, ''नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड के साथ-साथ हम इंडिया डेट रिजॉल्यूशन कंपनी लिमिटेड की भी स्थापना कर रहे हैं। एनएआरसीएल में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीसीबी) की हिस्सेदारी 51 फीसद होगी। वहीं, पब्लिक फाइनेंशियल इंस्टीयुशन्स की हिस्सेदारी 49 फीसद होगी।'' उन्होंने कहा, ''2018 में 21 पब्लिक सेक्टर बैंकों में से केवल दो लाभ हासिल करने की स्थिति में थे। लेकिन 2021 में केवल दो बैंकों ने घाटे की सूचना दी।''

वित्त मंत्री ने कहा कि कुछ मूल्यांकन के आधार पर एनपीए के लिए बैंकों को 15 फीसद कैश भुगतान किया जाएगा, वहीं 85% के लिए प्रतिभूति रसीद दिए जाएंगे। प्रतिभूति रसीद के मूल्य को बनाए रखने के लिए केंद्रीय कैबिनेट ने 30,600 करोड़ रुपये की सरकारी गारंटी को मंजूरी दी है।

नई दिल्ली: घाटे में चल रही सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया के अधिग्रहण के लिए टाटा संस ने बोली लगाई है। कंपनी के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी है। वहीं, डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (डीआईपीएएम) ने जानकारी दी कि एयर इंडिया अधिग्रहण संबंधी रुचि पत्र मिल गया है। इसी के साथ ये प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है। टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस ने सोमवार को समय सीमा समाप्त होने से पहले रुचि पत्र जमा किया। हालांकि, यह साफ नहीं हुआ है कि टाटा ने अकेले या अन्य के साथ मिलकर बोली लगाई है। अगर ये सौदा पक्का हो जाता है तो विमानन कंपनी की 67 साल बाद ‘घर वापसी’ हो सकती है।

टाटा समूह ने अक्तूबर, 1932 में टाटा एयरलाइंस के नाम से एयर इंडिया की शुरुआत की थी, जिसे भारत सरकार ने 1953 में अपने अधिकार क्षेत्र में ले लिया था। सरकार ने इस एयर इंडिया में अपनी 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए बोलियां आमंत्रित की थीं। वर्तमान में एयर इंडिया पर 60,074 करोड़ का कर्ज है, लेकिन अधिग्रहण के बाद खरीदार को 23,286.5 करोड़ रुपये ही चुकाने होंगे।

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने टेलीकॉम सेक्टर में ऑटोमेटिक रूट से 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देने के लिए आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में टेलीकॉम मंत्री अश्व‍िनी वैष्णव ने इसकी जानकारी दी। टेलीकॉम ऑपरेटर्स का जो बकाया है उन पर 4 साल के मॉरेटोरियम को मंजूरी दी गई है। लेकिन ऑपरेटर्स को मॉरेटोरियम पीरियड के दौरान ब्याज देना होगा। कैबिनेट ने एजीआर की परिभाषा को युक्तिसंगत करने का फैसला किया है जिसके तहत जुर्माने को खत्म किया गया है।

अब तक, 49 प्रतिशत तक के निवेश को ऑटोमेटिक रूट से अनुमति दी गई थी और 49 प्रतिशत से अधिक के किसी भी निवेश को सरकार के माध्यम से किया जाना था। हालांकि, 100 प्रतिशत ऑटोमेटिक रूट चीन और पाकिस्तान जैसे देशों के निवेशकों पर लागू नहीं होगा। अप्रैल 2020 में, सरकार ने भारत के साथ भूमि सीमा साझा करने वाले देशों से होने वाले एफडीआई पर नियम लागू किए थे। यह कदम घरेलू व्यवसायों के किसी भी शत्रुतापूर्ण अधिग्रहण को विफल करने के लिए था और चीन के साथ सीमा पर झड़पों के बीच सामने आया था।

नई दिल्‍ली: केंद्रीय कैबिनेट ने ऑटो सेक्‍टर को गति प्रदान करने, उत्‍पादन बढ़ाने और इलेक्ट्रिक व्‍हीकल्‍स पर खास ध्‍यान देते हुए 26 हजार करोड़ की नई प्रोडक्‍शन लिंक्‍स इनसेंटिव स्‍कीम को मंजूरी दी है। सरकार के अनुमानों के अनुसार, इस पीएलआई योजना से ऑटोसैक्‍टर में करीब साढ़े सात लाख जॉब 'पैदा'होंगे। गौरतलब है कि पिछले साल सरकार ने ऑटोमोबाइल और ऑटो कम्‍पोनेंट सेक्‍टर के लिए पांच वर्ष के लिए ₹ 57,043 के प्रावधान के साथ योजना का ऐलान किया था।

पीएलआई स्‍कीम के अंतर्गत जिन ऑटो कम्‍पोनेंट सेगमेंट को कवर किया जाएगा, उनमें इलेक्‍ट्रॉनिक पावर स्‍टेयरिंग सिस्‍टम,ऑटोमैटक ट्रांसमिशन असेंबल, सेंसर्स, सनरूफ्स, सुपर कैपेसिटेटर्स, फ्रंट लाइटिंग, टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्‍टम,ऑटोमैटिक ब्रेकिंग, टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्‍टम और कोलिजन वार्निंग सिस्‍टम को शामिल हैं। ऑटो सेक्‍टर के लिए यह पीएलआई स्‍कीम, वर्ष 2021-22 के केंद्रीय बजट में 13 सेक्‍टरों के लिए घोषित ₹ 1.97 लाख करोड़ रुपये के ओवरऑल प्रोडक्‍शन लिंक्‍ड इनसेंटिव का हिस्‍सा है।

 

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