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वॉशिंगटन: अमेरिका ने पाकिस्तान के बाचा खान यूनिवर्सिटी और अफगान राजधानी काबुल में मीडियाकर्मियों पर किए गए आतंकी हमलों की कड़ी निंदा की है। अमेरिका ने कहा है कि ये घटनाएं क्षेत्र में शांति और समृद्धि पर मंडराने वाले खतरे को रेखांकित करती हैं। व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद् के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा, ‘पाकिस्तान में छात्रों एवं शिक्षकों के खिलाफ और अफगानिस्तान में मीडिया के सदस्यों के खिलाफ किए गए ये निंदनीय हमले आतंकियों के कारण क्षेत्र पर मंडराने वाले खतरे को रेखांकित करते हैं। हम जिस शांतिपूर्ण एवं समृद्ध भविष्य का एक साथ मिलकर निर्माण करना चाहते हैं, ये हमले उस भविष्य पर मंडराने वाले खतरे की ओर भी इशारा करते हैं।’

काबुल: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में रूसी दूतावास के निकट बुधवार को एक आत्मघाती हमलावर ने अफगान टीवी चैनल टोलो की एक मिनीबस को निशाना बनाकर धमाका किया जिसमें सात लोगों की मौत हो गई। इस शक्तिशाली विस्फोट के कारण 24 लोग घायल हो गए, हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि दूतावास को निशाना बनाकर विस्फोट किया गया था। चैनल के एक कर्मचारी ने कहा, ‘हमारे कार्यालयी बस हमले की जद में आ गई।’ तालिबान ने पिछले साल अक्तूबर महीने में टोलो और 1टीवी को ‘सैन्य निशाने’ पर होने की बात कही थी। किसी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। यह हमला तालिबान शांति वार्ता को बहाल करने के मकसद से हुई दूसरे दौर की अंतरराष्ट्रीय बातचीत के दो दिनों बाद हुआ।

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के बाचा खान यूनिवर्सिटी में बुधवार को हुए आतंकी हमले की प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कड़े शब्दों में निंदा की है। उनका कहना है कि बच्चों की कुर्बानी बेकार नहीं जाएगी। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा कि बच्चों को मारने का कोई धर्म नहीं होता है। वहीं, तहरीक-ए-तालिबान ने इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है। नवाज शरीफ ने कहा कि स्टूडेंट और नागरिकों को मारने वालों का कोई धर्म नहीं होता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आतंकियों ने यूनिवर्सिटी के अंदर 60 से 70 छात्रों के सिर में गोली मारी है। चश्मदीदों का कहना है कि फायरिंग के साथ धमाकों की आवाज भी थी। यूनिवर्सिटी के अंदर कितने आतंकी घुसे है यह अबतक साफ नहीं हो पाया है। लेकिन कहा जा रहा है कि यूनिवर्सिटी के अंदर सात से आठ आतंकी हो सकते हैं।

काबुल: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में रूसी दूतावास के निकट एक आत्मघाती कार बम विस्फोट हुआ, जिसमें 12 लोगों के मारे जाने की सूचना है। किसी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। यह हमला तालिबान शांति वार्ता को बहाल करने के मकसद से हुई दूसरे दौर की अंतरराष्ट्रीय बातचीत के दो दिनों बाद हुआ। अफगान गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नजीब दानिश ने बताया, हमला रूसी दूतावास के निकट हुआ है। विस्फोट में लोगों के हताहत होने की आशंका है। उन्होंने इस बात की पुष्टि नहीं की कि यह हमला दूतावास को निशाना बनाकर किया गया था। विस्फोट से आसपास के इलाकों में धुआं पसर गया। एंबुलेंस और अग्निशमन दल के वाहनों को तत्काल मौके पर रवाना किया गया। अफगानिस्तान, पाकिस्तान, चीन और अमेरिका के प्रतिनिधियों ने सोमवार को काबुल में एक दिन की बैठक की थी जिसका मकसद बातचीत के जरिए 14 साल के तालिबान चरमपंथ का अंत करना है।

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