अमृतसर: पंजाब के अमृतसर स्थित गोल्डन टेंपल (स्वर्ण मंदिर) में सोमवार को अकाल तख्त साहिब ने डेरा सच्चा सौदा सिरसा के प्रमुख राम रहीम को माफी और बेअदबी के मामले में सुखबीर सिंह बादल को सजा सुनाई है। सुखबीर बादल को एक घंटा बाथरूम साफ करना होगा। फिर लंगर घर में जाकर जूठे बर्तन धोने होंगे। उन्हें इसके बाद कीर्तन सुनना होगा। साथ ही श्री सुखमणि साहिब का पाठ करना होगा। रघबीर ने कहा कि पूर्व सीएम स्वर्गीय प्रकाश सिंह बादल से 'फक्र ए कौम' सम्मान वापस लिया जाएगा।
जत्थेदार रघबीर सिंह ने सजा सुनाते हुए कहा कि सुखबीर सिंह बादल को चोट के चलते श्री दरबार साहिब (गोल्डन टेंपल) के घंटाघर के बाहर ड्यूटी करनी है। ये ड्यूटी वह व्हीलचेयर पर बैठ कर देंगे।
जत्थेदार ने कहा कि सुखबीर बादल समेत कोर कमेटी मेंबर और साल 2015 कैबिनेट मेंबर रहे नेता 3 दिसंबर को 12 बजे से लेकर 1 बजे तक बाथरूम साफ करेंगे। इसके बाद वह नहाकर लंगर घर में सेवा करेंगे। साथ ही उन्हें एक घंटा बैठकर कीर्तन सुनना होगा।
गले में तख्ती लटकाना होगा, हाथ में रहेगा बरछा
जत्थेदार के मुताबिक, सजा के दौरान सुखबीर सिंह बादल के गले में तख्ती और हाथ में बरछा रहेगा। ये सजा उन्हें 2 दिन के लिए दी गई है। इसके बाद 2 दिन श्री केशगढ़ साहिब, 2 दिन श्री दमदमा साहिब तलवंडी साबो, 2 दिन श्री मुक्तसर साहिब और 2 दिन श्री फतेहगढ़ साहिब में सेवादारों वाला चोला पहनकर हाथ में बरछा लेकर ड्यूटी करेंगे।
3 दिन में इस्तीफे स्वीकार करने का आदेश
सजा सुनाने के बाद जत्थेदार ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल पार्टी से जिन नेताओं ने इस्तीफे दिए, उन्हें अगले 3 दिनों में स्वीकार किया जाए। उन्होंने बागी चलने वाले नेताओं को फटकार लगाते हुए शिरोमणि अकाली दल के साथ चलने की नसीहत दी।
जत्थेदार रघुबीर सिंह ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल आने वाले समय में पार्टी की नई कमेटी को लेकर चर्चा करे और नियुक्तियां करे। ये सारी प्रक्रिया चुनावी तरीके से होनी चाहिए।
सुखबीर सिंह बादल पर क्या-क्या आरोप हैं?
-सुखबीर बादल पर डेरा सच्चा सौदा के चीफ राम रहीम के प्रति नम्र रुख अपनाने का आरोप है।
-बादल पर आरोप है कि उन्होंने गुरमीत राम रहीम के वेशभूषा विवाद में सजा दिलवाने के बजाय शिकायत ही वापस ले ली थी।
-अकाली दल के अध्यक्ष रहते हुए सुखबीर सिंह बादल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए डेरा मुखी को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिख पंथ के गुस्से और नाराजगी का सामना करना पड़ा।
-काल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए डेरा मुखी को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। आखिरकार श्री अकाल तख्त साहिब ने डेरा मुखी को माफी देने का फैसला वापस लिया।
-सुखबीर सिंह बादल पर बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं करवाने का भी आरोप है। 1 जून 2015 को कुछ तत्वों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई थी। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए और बाहर फेंक दिए थे। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया था।
-अकाली दल सरकार में तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। वह दोषियों को सजा दिलाने में असफल रहे। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए।
बादल ने राम रहीम को माफी देने की गलती कबूली
इस दौरान सुखबीर सिंह बादल ने राम रहीम को माफी देने की गलती कबूली। वहीं, प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा, "मुझे पर लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं। इसके साथ बलविंदर सिंह भूंदड़, दलजीत सिंह चीमा, करनैल सिंह पंजोली और गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने भी आरोप नकार दिए।" बादल ने हाल ही में शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।
30 अगस्त को सुखबीर बादल को घोषित किया गया था तनखैया
इससे पहले 30 अगस्त को सुखबीर बादल को तनखैया घोषित किया गया था। तनखैया होना सिख धर्म में सबसे बड़ा अभिशाप माना जाता है। कारण ऐसा होने पर धर्म और समाज उस व्यक्ति को सजा के बाद पूरी करने तक बहिष्कृत कर देता है।
कुछ दिन पहले सुखबीर बादल ने अकाल तख्त साहिब पर पेश होकर मांग की थी कि उन्हें तनखैया घोषित किए हुए 3 महीने से अधिक का समय बीत चुका है। उन्हें अब सजा सुनाई गई। सुखबीर बादल और 17 पूर्व अकाली मंत्री अकाल तख्त साहिब पर पत्र सौंप कर अपना स्पष्टीकरण सौंप चुके हैं।
ढींढसा बोले- सजा हमें मंजूर
इस बीच अकाली दल के नेता परविंदर सिंह ढींढसा ने मीडिया से कहा, "जो हुक्म हमें श्री अकाल तख्त साहिब से मिला है, हम सिर झुका कर स्वीकार करते हैं। हमें हुक्म हुआ है कि साथ काम करना है, तो हम साथ ही काम करेंगे। जो गलतियां हुई, सभी को उससे सीखना चाहिए। इसलिए हम कोई भी किंतु परंतु नहीं करते। दी गई सजा हमें मंजूर है। हमने कोई भी बात छिपाई नहीं है। उसके आधार पर ही हमें हुक्म दिए गए।"