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वाशिंगटन: भारतीय मूल के एक और शख्स को अमेरिका में बड़ी जिम्मेदारी मिली है। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने काश पटेल को एफबीआई के निदेशक के रूप में नामित किया है। ट्रंप ने शनिवार (30 नवंबर 2024) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ पर लिखा, "मुझे यह घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है कि कश्यप 'काश' पटेल फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआई) के अगले निदेशक के रूप में काम करेंगे।” ट्रंप ने आगे लिखा, ‘काश एक शानदार वकील, इन्वेस्टिगेटर और 'अमेरिका फर्स्ट' योद्धा हैं, जिन्होंने अपना करियर भ्रष्टाचार को उजागर करने, न्याय की रक्षा करने और अमेरिकी लोगों की रक्षा करने में बिताया है।"

डोनाल्ड ट्रंप के अभियोग का कारण बना था एफबीआई 

यह नई नियुक्ति ट्रंप के उस दृष्टिकोण को दिखाती है, जिसमें वह सरकार की कानून प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों में बदलाव को जरूरी समझते हैं। यह बदलाव ये भी बताता है कि ट्रंप अब भी एफबीआई के वर्किंग पैटर्न से नाराज हैं। दरअसल, एफबीआई ही उनके अभियोग का कारण बना था।

काश पटेल लेंगे क्रिस्टोफर रे की जगह

अगर पटेल की नियुक्ति हो जाती है तो वह क्रिस्टोफर रे की जगह लेंगे, जिन्हें ट्रंप ने ही 2017 में नियुक्त किया था, लेकिन वह जल्दी ही ट्रंप और उनके सहयोगियों के खिलाफ जाने लगे। वैसे तो एफबीआई चीफ के पद का कार्यकाल 10 साल का होता है, लेकिन ट्रंप की ओर से उनकी और एफबीआई की लंबे समय से चल रही सार्वजनिक आलोचना को देखते हुए उनको पद से हटाए जाने की अटकलें पिछले कुछ दिनों से चल रहीं थीं।

अमेरिका में एक और भारतीय का बजा डंका

काश पटेल के माता-पिता भारतीय हैं। वह पूर्व में वकील भी रह चुके हैं। पटेल "गवर्नमेंट गैंगस्टर्स: द डीप स्टेट, द ट्रुथ, एंड द बैटल फॉर अवर डेमोक्रेसी" के अलावा पटेल "द प्लॉट अगेंस्ट द किंग" जैसी किताब भी लिख चुके हैं। काश पटेल ने कहा है कि उनका इरादा उन सरकारी अधिकारियों पर आक्रामक रूप से शिकंजा कसना है, जो पत्रकारों को जानकारी लीक करते हैं और उन पर मुकदमा चलाना आसान बनाने के लिए कानून में बदलाव करते हैं।

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