नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): उत्तर प्रदेश के संभल में 24 नवंबर को हुई हिंसा की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग के दो सदस्य शनिवार को मुरादाबाद पहुंचे और आज रविवार को उनके द्वारा संभल का दौरा है। न्यायिक जांच आयोग की टीम लगभग 11 बजे संभल पहुंचेगी, यह जांच आयोग चार बिंदुओं पर जांच करेगा।
दो महीने के भीतर अपनी जांच पूरी करने का निर्देश
मुरादाबाद के मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने बताया कि "आयोग के दो सदस्य शनिवार को मुरादाबाद पहुंचे। तीसरे सदस्य रविवार को संभल जाते समय उनसे मिलकर अपना योगदान देंगे।" आंजनेय कुमार सिंह ने कहा, "जांच समिति अपना काम करेगी, वही तय करेगी कि क्या करना है, हमें बस उनकी सहायता करनी है। सुरक्षा व्यवस्था की गई है, जिस स्थान पर वे जाएंगे वहां सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। उसके बाद वे अगली प्रक्रिया तय करेंगे। जांच समिति के अनुरूप ही हम व्यवस्थाएं करेंगे। संभल की स्थिति पर निगरानी की जा रही है।"
यूपी सरकार ने संभल मामले की जांच के लिए 28 नवंबर को गठित न्यायिक आयोग को अधिसूचना की तारीख से दो महीने के भीतर अपनी जांच पूरी करने का निर्देश दिया है। संभल में कोट गर्वी क्षेत्र में शहर की शाही जामा मस्जिद के अदालत के आदेश पर किए गए सर्वेक्षण को लेकर टकराव के बाद चार लोगों की मौत हो गई और पुलिसकर्मियों सहित करीब 25 लोग घायल हो गए।
न्यायिक जांच आयोग की टीम इन बिंदुओं की करेगी जांच
1.क्या हिंसा किसी साजिश के तहत सुनियोजित थी ?
2.क्या पुलिस सुरक्षा के प्रबंध ठीक थे?
3.किन कारणों से और किन हालात में हिंसा हुई उसकी वजह क्या थी?
4.आगे भविष्य में ऐसी घटना न घटे इसके लिए उपाय क्या हो सकते हैं।
एक याचिका में दावा किया गया है कि उस स्थान पर एक समय हरिहर नाथ मंदिर था। यूपी के अपर मुख्य सचिव (गृह) दीपक कुमार की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार संभल हिंसा के लिए गठित जांच आयोग के अध्यक्ष इलाहाबाद हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति देवेन्द्र कुमार अरोड़ा हैं, जबकि अन्य सदस्यों में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अमित मोहन प्रसाद और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी अरविंद कुमार जैन शामिल हैं। आयोग इस बात की जांच करेगा कि यह घटना स्वतःस्फूर्त थी या सुनियोजित आपराधिक साजिश का हिस्सा थी।
(सोशल मीडिया से साभार)