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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): लोकसभा में शून्यकाल के दौरान समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव ने संभल हिंसा का मुद्दा उठाया। उन्होंने आरोप लगाया, "यह जिले के सौहार्द को खत्म करने की एक सुनियोजित साजिश है।" उन्होंने आगे कहा कि संभल मस्जिद सर्वेक्षण और उसके बाद हुई हिंसा उत्तर प्रदेश उपचुनावों के दौरान विसंगतियों से ध्यान हटाने के लिए की गई थी।

'संभल की घटना सोची-समझी रणनीति के तहत हुई: अखिलेश यादव

अखिलेश यादव ने संभल हिंसा पर लोकसभा में बोलते हुए कहा कि 'संभल की घटना सोची-समझी रणनीति के तहत हुई है। भाजपा के शुभचिंतक बार-बार खुदाई की जो मांग कर रहे हैं, वह खुदाई देश के सौहार्द को खो देगी। उत्तर प्रदेश का उपचुनाव था, पहले चुनाव 13 तारीख को होना था, उसे बढ़ाकर 20 तारीख को कर दिया गया। 19 तारीख को कोर्ट के आदेश के बाद संभल में मसजिद का सर्वे किया गया। यह सर्वे सौहार्दपूर्ण माहौल में हुआ। अगले दिन मतदान के दौरान पुलिस ने लोगों को डरा धमका कर वोट डालने से रोका। उन्होंने कहा, मस्जिद का एक सर्वे होने के बाद दूसरे की कोई जरूरत नहीं थी। 

उन्होंने आगे कहा कि 24 तारीख को सर्वे टीम दोबारा मस्जिद पहुंची। मस्जिद का एकबार सर्वे होने के बाद दूसरे सर्वे की कोई जरूरत नहीं थी। लेकिन ज़िला प्रशासन दोबारा सर्वे करने जामा मस्जिद पहुंचा, उस इलाके को पुलिस ने घेर लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि उसके बाद हुई हिंसा उत्तर प्रदेश उपचुनावों के दौरान विसंगतियों से ध्यान हटाने के लिए करवाई गई थी।

अखिलेश यादव ने कहा कि मासूम लोगों पर गोलियां चलाई गईं। अखिलेश यादव ने कहा कि संभल में जो घटना हुई है, वह एक सोची समझी साजिश है और संभल के भाईचारे को गोली मारने का काम हुआ है। भाजपा और उसके सहयोगी दलों द्वारा पूरे देश में खुदाई की बातें देश के भाईचारे को खो देगी।'

राज्यसभा में संभल हिंसा पर बोले सपा सांसद रामगोपाल यादव

राज्यसभा में सपा सांसद राम गोपाल यादव ने संभल हिंसा पर कहा, '24 नवंबर को सुबह 6 बजे पूरे संभल में पुलिस तैनात कर दी गई। संभल के लोगों को पता ही नहीं था कि पुलिस क्यों तैनात की जा रही है। कुछ देर बाद DM, SSP, वकील और कुछ लोग पुलिस के साथ ढोल बजाते हुए मस्जिद में घुस गए। भीड़ को शक था कि वे मस्जिद में तोड़फोड़ करने जा रहे हैं। SDM ने पानी की टंकी खोली और जब पानी बाहर निकलने लगा तो लोगों को शक हुआ कि उसमें कुछ गड़बड़ है और फिर वहां अशांति फैल गई। पुलिस ने गोलियां चलाईं, 5 लोग मारे गए, 20 लोग घायल हुए, सैकड़ों लोगों पर केस दर्ज किए गए और कई लोग जेल में हैं, जो पकड़े गए उन्हें बुरी तरह पीटा गया। मेरा और कई अन्य लोगों का मानना है कि उत्तर प्रदेश में पहले जो चुनाव हुए थे, उसमें पड़ोसी जिलों की पुलिस ने किसी को वोट नहीं डालने दिया और जबरन चुनाव अपने कब्जे में ले लिया। यह सब एक तरह से उस बात से ध्यान हटाने के लिए हुआ।'

संभल हिंसा के खिलाफ विपक्ष का लोकसभा से वॉकआउट

संभल हिंसा के मुद्दे पर विपक्षी सांसदों ने लोकसभा से वॉक आउट किया। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संभल हिंसा का मुद्दा उठाया, इस पर लोकसभा अध्यक्ष ने शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाने के लिए कहा। इस पर अखिलेश यादव और उनकी पार्टी के सांसदों ने सदन से वॉक आउट कर दिया। साथ ही कांग्रेस सांसद भी वॉक आउट कर गए। हालांकि बाद में प्रश्नकाल के दौरान विपक्षी सांसद वापस सदन में लौट आए।

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