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एथेंस: सामोस तट के पास एक नौका डूबने के बाद 10 बच्चों सहित 24 लोगों के शव मिले हैं। यूनान तटरक्षक ने यह जानकारी देते हुए बताया कि रबर की नाव डूबने की इस ताजा घटना के बाद 11 लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। नाव पर 46 लोग सवार थे। ये लोग तुर्की से यूनान जाने के दौरान एगियन सागर से गुजर रहे थे। 10 लोगों को बचा लिया गया है। अधिकारियों ने शुरुआत में बताया था कि उन्होंने 12 शव पाए हैं लेकिन मृतकों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई। तटरक्षक की एक प्रवक्ता ने बताया, 'पांच लड़के और पांच लड़कियां मृतकों में शामिल हैं जबकि 10 लोगांे को पानी से सुरक्षित बाहर निकाला गया।' बचाव अभियान में यूनानी जहाजों और यूरोपीय सीमा एजेंसी फ्रंटेक्स की दो नौकाओं ने हिस्सा लिया।

टोक्‍यो: उत्तर कोरिया संभवत: लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल प्रक्षेपित करने की तैयारी कर रहा है। सैटेलाइट तस्वीरों के विश्लेषण से यह जानकारी मिली है। जापान की क्योदो सामाचार एजेंसी ने गुरुवार को जापान के एक सरकारी सूत्र के हवाले से यह खबर दी। इससे पहले उत्‍तर कोरिया इसी माह हाइड्रोजन बम का भी सफल परीक्षण कर चुका है। क्योदो ने कहा है कि ये तस्वीरें पिछले कई दिनों में एकत्र की गई हैं जिसमें ऐसा अंदाजा लगता है कि पश्चिमी डोंगचांग-परमाणु स्थल से एक सप्ताह के भीतर मिसाइल प्रक्षेपित किया जा सकता है। रिपोर्ट में इस विश्लेषण के सूत्र के बारे में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी गयी है।

लाहौर: अपने घर पर भारत का तिरंगा फरहारने वाले भारतीय क्रिकेट स्टार विराट कोहली के पाकिस्तानी फैन उमर दराज को 10 साल के लिए जेल भेज दिया गया है। उमर को मंगलवार को उस समय गिरफ्तार कर लिया गया था, जब उसने भारत की ऑस्ट्रेलिया पर जीत से उत्साहित हो पंजाब प्रांत में स्थित अपने घर की छत पर तिरंगा फहरा दिया था। पुलिस ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के ओकारा जिले के निवासी इस क्रिकेट फैन को बुधवार को कोर्ट में पेश किया था, जिसके बाद उसे पुलिस रिमांड में भेज दिया गया था। गुरुवार को खबर आई कि उमर को 10 साल के लिए जेल भेज दिया गया है। उमर ने अपनी गिरफ्तारी के बाद कहा था, 'मैं कोहली का फैन हूं। मैं कोहली के कारण ही टीम इंडिया का समर्थन करता हूं।

टोरंटो: एयर इंडिया कनिष्क में 1985 में हुए विस्फोटों के एकमात्र दोषी इन्द्रजीत सिंह रेयत को बुधवार को कनाडा की जेल से रिहा कर दिया गया। विमान में हुए विस्फोट के कारण उसमें सवार सभी 329 लोग मारे गए थे। वर्ष 2003 में रिपुदमन सिंह मलिक और अजायब सिंह बागरी की सुनवायी के दौरान अदालत के सामने झूठ बोलने के लिए रेयत को 2010 में झूठी गवाही देने का दोषी करार दिया था। एयर इंडिया का यह विमान मांट्रियल, कनाडा से लंदन फिर भारत के रास्ते पर था। पैरोल बोर्ड ऑफ कनाडा के प्रवक्ता ने भी रेयत की रिहाई की पुष्टि की है। पंजाब से यहां आए पेशे से मैकेनिक रेयत ने डायनामाइट, डिटोनेटर्स और बैटरियां खरीदी थीं। इन्हीं की मदद से किए गए विस्फोटों में एयर इंडिया की उड़ान 182 के 329 यात्रियों की जान चली गयी थी।

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