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काहिरा: रविन्द्रनाथ टैगोर की 155वीं वषर्गांठ के अवसर पर भारत अगले महीने मिस्त्र में एक सांस्कृतिक समारोह आयोजित करेगा। मिस्र में भारत के राजदूत संजय भट्टाचार्य ने बताया कि काहिरा में भारतीय दूतावास और मौलाना आजाद भारतीय संस्कृति केन्द्र 8 से 12 मई तक टैगोर महोत्सव की मेजबानी करेंगे। भट्टाचार्य ने कहा, ‘भारत और मिस्र के बीच संपर्क बनाने के अपने प्रयास के तहत हम खास तौर पर संस्कृति के क्षेत्र में मजबूत रिश्ता पाते हैं और दोनों देशों के आवाम के बीच गहरा प्यार है।’ उन्होंने कहा, ‘टैगोर की कृतियां यहां मिस्र में बेहद लोकप्रिय हैं। और मैं समझता हूं कि अकेले गीतांजलि के तकरीबन एक दर्जन तजरुमा हैं। और बेशक, ढेर सारी दीगर किताबें हैं जिनका अरबी में तजरुमा किया गया है।’ टैगोर ने किशोरावस्था में 1878 में मिस्र की यात्रा की थी। बाद में, कवि-दार्शनिक के रूप में उन्होंने मिस्र की यात्रा की थी। तब उन्होंने शाह फव्वाद से मुलाकात की थी और इस्कंद्रिया और काहिरा में विद्वानों से मुलाकात की थी। मिस्री शायर अहमद शौकी के साथ टैगोर की दोस्ती मशहूर है और 1932 में शौकी के निधन पर उन्होंने उनकी प्रशस्ति में लिखा था।

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रतिबंधित जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद ने कहा कि उसका संगठन देश में मंदिरों एवं गैर-मुस्लिमों के अन्य पवित्र स्थानों का विध्वंस नहीं होने देगा। सिंध प्रांत के मतली शहर में एक एक सभा को संबोधित करते हुए सईद ने कहा कि मुस्लिमों की ये जिम्मेदारी है कि वे अपने हिंदू भाईयों के पवित्र स्थलों की रक्षा करें। संगठन के मुखिया ने चेताया, ‘हम लोग देश में मंदिरों और गैर-मुस्लिमों के अन्य पवित्र स्थलों को नहीं तोड़ने देंगे।’ जमात-उद-दावा प्रमुख ने उन आरोपों को खारिज कर दिया कि भारत से सटे सिंध के थार क्षेत्र में मदरसों की शुरुआत करके उनका संगठन चरमपंथ को बढ़ावा दे रहा है। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार सईद ने कश्मीरी मुस्लिमों के प्रति समर्थन का संकल्प जताया। सईद ने कहा कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां राज्य विरोधी तत्वों एवं रॉ के खिलाफ गंभीरता से लड़ने का प्रयास कर रही हैं लेकिन नवाज शरीफ सरकार इस मुद्दे पर मूक बनी हुई है।

सिंगापुर: बांग्लादेश सरकार को उखाड़ फेंकने की कोशिशों के तहत आतंकी हमले की साजिश रचने पर इस्लामिक स्टेट आतंकी गुट के आठ कट्टर बांग्लादेशी समर्थकों को सिंगापुर में हिरासत में लिया गया है। गृह मंत्रालय ने बताया कि सिंगापुर में प्रवासी कामगार के तौर पर काम करने वाले आठ लोगों को आंतरिक सुरक्षा कानून (आईएसए) के तहत अप्रैल में हिरासत में लिया गया और ये सभी इस साल मार्च में बनाए गए गोपनीय गुट इस्लामिक स्टेट इन बांग्लादेश (आईएसबी) के सदस्य हैं। सिंगापुर के निर्माण और मत्स्य उद्योगों में काम करने वाले ये संदिग्ध विदेशी लड़ाके के तौर पर आईएसआईएस से जुड़ने वाले थे लेकिन उन्हें महसूस हुआ कि सीरिया जाना बहुत कठिन है, जिसके बाद ताकत का इस्तेमाल कर बांग्लादेशी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए घर लौटने की उनकी योजना थी। ‘जिहाद के लिए हमारी जरूरत है’ शीषर्क वाला दस्तावेज उनके नेता और आईएसबी के संस्थापक रहमान मिजानुर (31) से बरामद किया गया जिसमें बांग्लादेशी सरकार और सैन्य अधिकारियों की सूची थी जिन्हें हमलों में निशाना बनाया जा सकता था।

वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उस खुफिया अभियान के समय की कुछ अंदरुनी बातों को लेकर पहली बार खुलकर बोला है जिसमें अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन मारा गया था। उन्होंने कहा कि अभियान के दौरान किसी ने उत्साह नहीं जताया क्योंकि यह पता नहीं था कि क्या नतीजा रहने वाला है। पाकिस्तान के ऐबटाबाद में दो मई, 2011 को चलाए गए इस अभियान के बारे में ओबामा ने सीएनएन से कहा, ‘यह दिलचस्प है कि किसी ने उत्साह नहीं प्रकट किया या किसी ने ताली नहीं बजाई क्योंकि हमें उस वक्त (नतीजे को लेकर) पूरी तरह यकीन नहीं था।’ ओबामा ने कहा कि उन्होंने इस अभियान का फैसला किया हालांकि इसकी सफलता की संभावना 50 फीसदी थी। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘बिन लादेन अभियान में हमने जिस तरह के विशेष बल और खुफिया जानकारियों को एकत्र करना देखा वो ऐसे खतरे से निपटने के लिए किसी राष्ट्रपति के लिए एक विकल्प होने वाला है।’ एक सवाल के जवाब में उन्होंने स्वीकार किया कि ओसामा मारा जा चुका है लेकिन उसकी विचारधारा खत्म नहीं हुई है। ओबामा ने कहा, ‘दुनिया अब भी खतरनाक है। कई तरह से पश्चिम एशिया अधिक अराजक स्थिति में है।’ सीएनएन के अनुसार ओबामा और उनकी टीम ने कहा कि आने वाले समय में आतंकवाद विरोधी किसी योजना में साझेदार देशों को भी शामिल किया जाएगा ताकि उस राजनीतिक विरोध और आर्थिक परेशानी का निदान हो सके जो चरमपंथी समूहों के लिए जमीन तैयार करते हैं।

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