वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उस खुफिया अभियान के समय की कुछ अंदरुनी बातों को लेकर पहली बार खुलकर बोला है जिसमें अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन मारा गया था। उन्होंने कहा कि अभियान के दौरान किसी ने उत्साह नहीं जताया क्योंकि यह पता नहीं था कि क्या नतीजा रहने वाला है। पाकिस्तान के ऐबटाबाद में दो मई, 2011 को चलाए गए इस अभियान के बारे में ओबामा ने सीएनएन से कहा, ‘यह दिलचस्प है कि किसी ने उत्साह नहीं प्रकट किया या किसी ने ताली नहीं बजाई क्योंकि हमें उस वक्त (नतीजे को लेकर) पूरी तरह यकीन नहीं था।’ ओबामा ने कहा कि उन्होंने इस अभियान का फैसला किया हालांकि इसकी सफलता की संभावना 50 फीसदी थी। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘बिन लादेन अभियान में हमने जिस तरह के विशेष बल और खुफिया जानकारियों को एकत्र करना देखा वो ऐसे खतरे से निपटने के लिए किसी राष्ट्रपति के लिए एक विकल्प होने वाला है।’ एक सवाल के जवाब में उन्होंने स्वीकार किया कि ओसामा मारा जा चुका है लेकिन उसकी विचारधारा खत्म नहीं हुई है। ओबामा ने कहा, ‘दुनिया अब भी खतरनाक है। कई तरह से पश्चिम एशिया अधिक अराजक स्थिति में है।’ सीएनएन के अनुसार ओबामा और उनकी टीम ने कहा कि आने वाले समय में आतंकवाद विरोधी किसी योजना में साझेदार देशों को भी शामिल किया जाएगा ताकि उस राजनीतिक विरोध और आर्थिक परेशानी का निदान हो सके जो चरमपंथी समूहों के लिए जमीन तैयार करते हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि ऐबटाबाद में चलाया गया अभियान ही बिन लादेन को मारने का सबसे अच्छा मौका था।