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लंदन: ब्रिटिश राजशाही द्वारा दुर्लभ राजनयिक भूल के तहत महारानी एलिजाबेथ द्वितीय पिछले साल चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की ब्रिटेन की राजकीय यात्रा के दौरान चीन के अधिकारियों को ‘बहुत अशिष्ट’ कहते हुए कैमरे में कैद हो गईं तथा प्रधानमंत्री डेविड कैमरन भी नाइजीरिया और अफगानिस्तान को दुनिया के ‘सबसे भ्रष्ट’ देशों में शामिल कहते हुए नजर आए हैं। एक आधिकारिक शाही कैमरामैन ने बकिंघम पैलेस गार्डन पार्टी के दौरान उनकी टिप्पणियां रिकार्ड की जिन्हें आज प्रसारित किया गया। नब्बे वर्षीय महारानी पिछले साल अक्टूबर में राष्ट्रपति शी की यात्रा के दौरान चीन में ब्रिटेन के राजदूत बारबरा वुडवार्ड के साथ चीन के अधिकारियों के व्यवहार पर चर्चा कर रही थीं। महारानी की टिप्पणियां रिकॉर्ड हो गईं जब उन्हें स्काटलैंड यार्ड के कमांडर लूसी डिओर्सी से मिलवाया गया। महारानी को लूसी के बारे में बताया गया कि उन्होंने शी के ब्रिटेन दौरे के दौरान सुरक्षा की देखरेख की। महारानी को यह कहते हुए सुना गया, ‘ओह, दुर्भाग्य।’ इस पर डिओर्सी ने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि आप जानती हैं या नहीं, लेकिन यह मेरे लिए बहुत मुश्किल समय था, इस पर महारानी ने जवाब दिया ‘मुझे पता है।’

नई दिल्ली: अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत रह चुके हुसैन हक्कानी ने कहा है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसिस इंटेलीजेंस (आईएसआई) के पूर्व प्रमुख ने स्वीकार किया है कि मुंबई में 26/11 को हुए आतंकी हमले में पाकिस्तानी सेना के कुछ सेवानिवृत्त अधिकारी शामिल थे। साल 2008 में हुए उस हमले में 116 लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग घायल हुए थे। लेफ्टिनेंट जनरल शुजा पाशा तब पाकिस्तान की आईएसआई के प्रमुख थे। उन्होंने अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के अपने समकक्ष जनरल माइकल हेडन के साथ साल 2008 के दिसंबर में हुई बैठक में यह बात स्वीकार की थी। हक्कानी ने अपनी नई पुस्तक 'इंडिया वर्सेज पाकिस्तान : ह्वाई कांट वी जस्ट बी फ्रेंड्स' में इसका उल्लेख किया है। पुस्तक के प्रकाशक 'जगरनॉट बुक्स' ने कहा है कि इसमें पाकिस्तानी सेना का विशेष संदर्भ है। भारत-पाकिस्तान के रिश्ते का विश्लेषण बिना लाग लपेट के किया गया है। हक्कानी बेनजीर भुट्टो सहित पाकिस्तान के चार प्रधानमंत्रियों के सलाहकार रह चुके हैं। इस विश्लेषणात्मक पुस्तक में हक्कानी ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के अब तक अप्रकाशित एक गोपनीय पत्र का भी हवाला दिया है, जिसे उन्होंने अमेरिका के विदेशमंत्री को लिखा था।

बगदाद: इराक की राजधानी बगदाद के उत्तरी शिया बहुल इलाके में बुधवार को एक कार बम विस्फोट में कम से कम 52 लोगों की मौत हो गई। इस हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली है। बगदाद में हुआ यह अब तक सबसे भयावह हमला है। यह हमला ऐसे समय में हुआ है, जब सरकार राजनीतिक संकट से घिरी है और कुछ लोगों ने चेतावनी दी है कि मौजूदा संकट से आईएस के खिलाफ लड़ाई कमजोर पड़ सकती है। अधिकारियों ने बताया कि सुबह करीब 10 बजे सद्र सिटी में हुए विस्फोट में 65 लोग घायल भी हुए हैं। विस्फोट से आसपास की दुकानों में आग लग गई और वे मलबे में तब्दील हो गईं। धमाके के बाद मौके पर बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए और इसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया। आईएस ने ऑनलाइन बयान जारी कर हमले की जिम्मेदारी ली है। उसने ने कहा कि अबू सुलेमान अल-अंसारी नामक हमलावर ने विस्फोट किया। इराकी सेना ने इस्लामी स्टेट समूह से उत्तरी बगदार का इलाका फिर जीत लिया है । 2014 के दौरान उत्तरी और पश्चिमी बगदाद के इस इलाके में आतंक व्याप्त था। पश्चिमी इराक के एक बड़े इलाके में अभी भी जिहादियों का कब्जा है और वह नियमित रूप से सरकारी इलाकों में हमले करते रहते हैं।

ढाका: कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी के प्रमुख मोतीउर रहमान निजामी को देर रात फांसी दे दी गई। मोतीउर रहमान जमात का सबसे बुजुर्ग इस्लामी नेता है, जिसे 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के दौरान किए युद्ध अपराधों के लिए फांसी पर लटकाया गया। बांग्लादेश की सबसे बड़ी इस्लामी पार्टी के 73 वर्षीय नेता ने राष्ट्रपति से क्षमादान मांगने से इनकार कर दिया था। फांसी की प्रक्रिया के गवाह रहे एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि निजामी को ढाका सेंट्रल जेल में मध्यरात्रि 12 बजे फांसी पर लटकाया गया। उन्होंने बताया,‘‘फांसी की प्रक्रिया पूरी हो गई है और 20 मिनट से अधिक समय तक फांसी पर लटके रहने के बाद सिविल सर्जन ने उसे मृत घोषित कर दिया।’ ढाका के जिला मजिस्ट्रेट, जेल के इंस्पेक्टर जनरल और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी जेल परिसर में भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच फांसी पर लटकाए जाने की प्रक्रिया के गवाह रहे। फांसी के खिलाफ उसकी आखिरी अपील पांच मई को शीर्ष न्यायालय ने खारिज कर दी थी। राजधानी ढाका के प्राचीन हिस्से में मौजूद ढाका सेंट्रल जेल के चारों ओर सुरक्षा बढ़ाने के लिए एलीट अपराध रोधी रैपिड एक्शन बटालियन ने पुलिस का सहयोग किया। जेल प्रहरियों ने इसके अंदर सुरक्षा बढ़ा दी है।

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