वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति पद के चुनावों का प्राइमरी सत्र जहां अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है, वहीं अमेरिका के इस शीर्ष पद का मुकाबला न्यूयार्क के दो निवासियों यानी रियल एस्टेट क्षेत्र के दिग्गज डोनाल्ड ट्रंप और पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के बीच सिमट गया है। इंडियाना के प्राइमरी चुनाव से पहले बड़ी खबर प्रतिष्ठानों और राजनीतिक पंडितों का कहना है कि राष्ट्रपति पद के चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवारी हिलेरी क्लिंटन के हाथ आ सकती है जबकि ट्रंप रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार बन सकते हैं।सीएनएन ने अपने हालिया ओपीनियन पोल में कहा कि देश का यही मूड है। सीएनएन:ओआरसी के नए सर्वेक्षण के अनुसार, देशभर में 84 प्रतिशत मतदाता सोचते हैं कि नवंबर में रिपब्लिकन पार्टी की टिकट पर ट्रंप मैदान में होंगे। वहीं 85 प्रतिशत मतदाता डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवारी हिलेरी क्लिंटन के हाथ आने की बात कहते हैं। हिलेरी 51 प्रतिशत डेमोक्रेटिक मतदाताओं की पसंद हैं जबकि 49 प्रतिशत रिपब्लिकन मतदाताओं का कहना है कि वे अपना उम्मीदवार ट्रंप को बनाना चाहेंगे।
माइक्रोसॉफ्ट के बड़े सर्च ईंजन बिंग ने कहा कि केलिफोर्निया में सात जून को रिपब्लिकन प्राइमरी प्रक्रिया के अंत में ट्रंप के पास 1366 डेलीगेट होंगे। यह संख्या रिपब्लिकन उम्मीदवार बनने के लिए जरूरी संख्याबल यानी 1237 से 125 ज्यादा होगी। इसी तरह, हिलेरी के पास 2676 डेलीगेट होंगे। यह संख्या डेमोक्रेटिक उम्मीदवार बनने के लिए जरूरी संख्याबल 2383 से लगभग 300 ज्यादा होगी। इसके बाद वह अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में इस बड़े राजनीतिक दल की पहली महिला उम्मीदवार बन जाएंगी। ‘रियल क्लीयर पॉलिटिक्स’ की गणनाओं के अनुसार, ट्रंप के पास 996 डेलीगेट हैं जबकि ट्रंप का खुद का दावा है कि उनके पास कम से कम 1001 डेलीगेट्स का समर्थन है। क्रूज के पास 565 और ओहायो के गवर्नर जॉन कसीच के पास 153 डेलीगेट हैं। इसी तरह डेमोक्रेटिक पक्ष में, हिलेरी के पास 2165 डेलीगेट हैं जबकि वरमोंट के सीनेटर बर्नी सैंडर्स के पास 1357 डेलीगेट हैं। सैंडर्स ने कल हिलेरी के लिए मैदान खाली छोड़ देने से इंकार कर दिया था। बहरहाल, उन्होंने यह माना है कि उम्मीदवारी हासिल करने की स्पर्धा उनके लिए हर दिन मुश्किल होती जा रही है।