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वॉशिंगटन: ओबामा प्रशासन की ओर से रूस के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई किए जाने के बाद अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अगले सप्ताह इस मामले के तथ्यों की जानकारी हासिल करने के लिए खुफिया अधिकारियों से मिलेंगे। अमेरिकी चुनाव में रूसी दखलअंदाजी की जवाबी कार्रवाई में ओबामा प्रशासन ने रूस की खुफिया सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है, 35 रूसी अधिकारियों को निष्कासित कर दिया है और अमेरिका में रूस के स्वामित्व वाले दो परिसरों को बंद कर दिया है। ट्रंप ने कहा, ‘हमारे देश के लिए यह समय बड़ी और बेहतर चीजों की दिशा में बढ़ने का है। हमारे देश और हमारे महान लोगों के हित में, मैं अगले सप्ताह खुफिया समुदाय के नेतृत्वकर्ताओं से मुलाकात करूंगा ताकि इस स्थिति से जुड़ें तथ्यों की जानकारी ली जा सके।’ नवनिर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति के इस बयान में सीधे तौर पर रूस का नाम नहीं लिया गया था। उनकी ओर से यह बयान ओबामा प्रशासन द्वारा रूस के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की घोषणा करने के कुछ ही समय बाद आया। ट्रंप के एक शीर्ष सलाहकार ने कहा कि अब समय आ गया है कि आगे बढ़ा जाए। नव निर्वाचित राष्ट्रपति की सलाहकार केल्येने कॉन्वे ने सीएनएन को बताया, ‘वह आगामी सप्ताह में, खुफिया जानकारी हासिल करेंगे। इसी बीच, उनका मानना है कि यह समय आगे बढ़ने का है।’ इसी बीच, रूस के खिलाफ लगाए गए प्रतिबंधों का दोनों दलों के सांसदों ने स्वागत किया।

होनुलुलू: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को हैकिंग के माध्यम से प्रभावित करने के मामले में कड़ी जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आज रूसी खुफिया एजेंसियों एवं इनके शीर्ष अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा दिए और 35 रूसी अधिकारियों को देश छोड़ने का आदेश दिया। अमेरिकी विदेश विभाग ने वाशिंगटन स्थित रूसी दूतावास और सैन फ्रांसिस्को स्थित वाणिज्य दूतावास से 35 राजनयिकों को निकाल दिया है। इनको और इनके परिवार से 72 घंटे के भीतर अमेरिका छोड़ने के लिए कहा गया है। इन राजयनिकों को ‘अपने राजनयिक स्थिति के प्रतिकूल ढंग से’काम करने की वजह से अस्वीकार्य घोषित कर दिया गया है। ओमाबा ने कहा कि अमेरिका के मैरीलैंड और न्यूयॉर्क में स्थित दो रूसी सरकारी परिसरों तक अब रूस के लोगों की पहुंच नहीं होगी। साइबर हमले के मामले में ओबामा प्रशासन ने यह अब तक सबसे सख्त कदम उठाया है। हवाई में छुट्टियां मना रहे ओबामा ने एक बयान में कहा, ‘सभी अमेरिकियों को रूस की कार्रवाइयों को लेकर सजग होना चाहिए। इस तरह की गतिविधियों के परिणाम होते हैं।’ ओबामा ने रूस की दो खुफिया सेवाओं जीआरयू और एफसबी के खिलाफ प्रतिबंध लगाया है। जीआरयू का सहयोग करने वाली कंपनियों को भी प्रतिबंधित किया गया है। रूसी अधिकारियों ने ओबामा प्रशासन के इस आरोप से इंकार किया है कि रूस की सरकार अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास कर रही थी।

मास्को/दमिश्क: सीरिया और उसके मुख्य साझेदार रूस ने शुक्रवार को सीरिया के मुख्यधारा के विद्रोही लड़ाकों के साथ एक संघर्ष विराम समझौते पर सहमति जताई जिससे छह साल से चल रहे गृहयुद्ध के खत्म होने की दिशा में कदम बढ़ने के संकेत मिले हैं। यह राष्ट्रव्यापी संघर्ष विराम समझौता सीरिया के स्थानीय समयानुसार आधी रात से लागू होगा। रूस और तुर्की की मध्यस्थता में यह समझौता हुआ। सीरियाई विपक्ष के एक प्रवक्ता ने इस समझौते की पुष्टि करते हुए कहा है कि अधिकांश बड़े विद्रोही समूह इसका पालन करेंगे। अगर संघर्ष विराम सही ढंग से प्रभावी रहता है तो अगले महीने सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद की सरकार और विपक्षी समूहों के बीच कजाकिस्तान में बातचीत हो सकती है। एक समाचार एजेंसी के अनुसार रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सीरियाई शासन और विद्रोहियों के बीच संघर्ष विराम पर हस्ताक्षर होने और उनके शांति वार्ता के लिए रजामंद हो जाने की आज घोषणा की। पुतिन ने टीवी पर की गई टिप्पणी में कहा कि दमिश्क और काफी संख्या में सशस्त्र विपक्ष ने सीरिया में संघषर्विराम पर एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर किया है और शांति वार्ता के प्रति उनकी तत्परता की भी घोषणा की है। पुतिन ने अपने रक्षा और विदेश मंत्रियों के साथ एक बैठक में कहा, तीन दस्तावेजों पर हस्ताक्षर हुए हैं। पहला, सीरिया में संघर्ष विराम के लिए सीरिया सरकार और सशस्त्र विरोधियों के बीच है।

होनुलुलू: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को हैकिंग के माध्यम से प्रभावित करने के मामले में कड़ी जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आज रूसी खुफिया एजेंसियों एवं इनके शीर्ष अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा दिए और 35 रूसी अधिकारियों को देश छोड़ने का आदेश दिया। अमेरिकी विदेश विभाग ने वाशिंगटन स्थित रूसी दूतावास और सैन फ्रांसिस्को स्थित वाणिज्य दूतावास से 35 राजनयिकों को निकाल दिया है। इनको और इनके परिवार से 72 घंटे के भीतर अमेरिका छोड़ने के लिए कहा गया है। इन राजयनिकों को ‘अपने राजनयिक स्थिति के प्रतिकूल ढंग से’काम करने की वजह से अस्वीकार्य घोषित कर दिया गया है। ओमाबा ने कहा कि अमेरिका के मैरीलैंड और न्यूयॉर्क में स्थित दो रूसी सरकारी परिसरों तक अब रूस के लोगों की पहुंच नहीं होगी। साइबर हमले के मामले में ओबामा प्रशासन ने यह अब तक सबसे सख्त कदम उठाया है। हवाई में छुट्टियां मना रहे ओबामा ने एक बयान में कहा, ‘सभी अमेरिकियों को रूस की कार्रवाइयों को लेकर सजग होना चाहिए। इस तरह की गतिविधियों के परिणाम होते हैं।’ ओबामा ने रूस की दो खुफिया सेवाओं जीआरयू और एफसबी के खिलाफ प्रतिबंध लगाया है। जीआरयू का सहयोग करने वाली कंपनियों को भी प्रतिबंधित किया गया है। रूसी अधिकारियों ने ओबामा प्रशासन के इस आरोप से इंकार किया है कि रूस की सरकार अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास कर रही थी। अमेरिकी खुफिया एजेंसियां इस निष्कर्ष पर पहुंची हैं कि रूस का मकसद डोनाल्ड ट्रंप की जीत सुनिश्चित करना था।

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