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वॉशिंगटन: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ सीक्रेट्स डॉक्यूमेंट्स केस में लगाए गए 37 आरोप शुक्रवार को सार्वजनिक कर दिए गए। इनमें से 31 चार्ज राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े दस्तावेजों को जानबूझकर अपने पास रखने के हैं। इसके अलावा उन पर झूठे बयान देने, डाक्यूमेंट्स होने की बात छिपाने, न्याय में बाधा डालने जैसे आरोप लगाए गए हैं।

ट्रम्प ने बाथरूम-स्टोर रूम में छिपाए थे खुफिया डॉक्यूमेंट्स

बीबीसी के मुताबिक, 49 पेज के आरोप पत्र में बताया गया है कि ट्रम्प ने ये डॉक्यूमेंट्स अपने बाथरूम, बॉलरूम, शावर की जगह पर, ऑफिस, स्टोर रूम और बेडरूम में छिपाए थे। प्रॉसिक्यूटर्स ने ये भी कहा कि एफबीआई की जांच में बाधा डालने के लिए ट्रम्प ने अपने वकीलों को फाइलें छिपाने या नष्ट करने का आदेश दिया था। अमेरिकी इतिहास में पहला मौका है जब पूर्व राष्ट्रपति पर फेडरल चार्ज लगे हैं।

आरोपों के बावजूद ट्रम्प की दावेदारी पर खतरा नहीं

हालांकि ट्रम्प पर लगे आरोपों के बावजूद राष्ट्रपति चुनाव में उनकी दावेदारी पर कोई कानूनी खतरा नहीं होगा।

काठमांडू: नए संसद भवन में रखे गए भारत के अखंड भारत मानचित्र को लेकर नेपाल में विपक्षी दलों के के हमले तेज होते जा रहे हैं। काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह ने जवाबी कदम के रूप में अपने कार्यालय में एक नया ग्रेटर नेपाल का नक्शा लगाया है। हालांकि नेपाल सरकार इस मुद्दे पर चुप रही, लेकिन सीपीएन-यूएमएल सहित विपक्षी दलों ने उस मानचित्र का विरोध किया है जो हिमालयी राष्ट्र को प्राचीन भारतीय भूभाग के हिस्से के रूप में दिखाता है। उन्होंने सरकार से भारत के समक्ष इस मामले को उठाने को कहा है।

काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह, जो वर्तमान में अपनी पत्नी के इलाज के लिए बेंगलुरु में हैं। उन्होंने अपनी भारत यात्रा से पहले मानचित्र को अपने कार्यालय में लगाया था।

बता दें, एक समय नेपाल का भूभाग पूर्व में तीस्ता से लेकर पश्चिम में सतलज तक फैला हुआ था। हालांकि, अंग्रेजों के साथ युद्ध में नेपाल ने अपनी भूमि का एक बड़ा हिस्सा खो दिया। युद्ध के बाद मेची से तीस्ता और महाकाली से सतलुज तक के क्षेत्रों को स्थायी रूप से भारत में मिला लिया गया था।

वाशिंगटन: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर जो बाइडेन प्रशासन का कानूनी शिकंजा कसता नजर आ रहा है। गोपनीय दस्तावेज रखने के मामले में उन्‍हें आरोपित किया गया है। डोनाल्‍ड ट्रंप ने गुरुवार को कहा कि उन्हें ऑफिस छोड़ने के बाद गोपनीय दस्तावेजों को रखने के मामले में आरोपी बनाया गया है। ये ट्रंप के लिए सबसे गंभीर कानूनी खतरा है। अमेरिकी न्याय विभाग ने फिलहाल इसकी पुष्टि नहीं की है। बता दें कि ट्रंप एक बार फिर अमेरिका के राष्ट्रपति बनने की दौड़ में शामिल हैं।

डोनाल्‍ड ट्रंप ने वीडियो संदेश में कहा, "मैंने इसकी कभी कल्‍पना नहीं की थी कि अमेरिका में एक लोकप्रिय पूर्व राष्ट्रपति के साथ ऐसा कुछ हो सकता है। भ्रष्ट बाइडेन प्रशासन ने मेरे वकीलों को बताया है कि मुझ पर अभियोग लगाया गया है। इसे अमेरिका के इतिहास में काले दिन के रूप में देखा जा सकता है। हम एक देश के रूप में तेजी से नीचे जा रहे हैं, लेकिन हम मिलकर एक बार फिर अमेरिका को महान बनाएंगे।" उन्‍होंने कहा, "मैंने कोई अपराध नहीं किया है। मैं बेकसूर हूं।"

वाशिंगटन: केंद्रीय ग्रैंड जूरी ने गोपनीय दस्तावेज़ संभालने से जुड़े सात आपराधिक मामलों में डोनाल्ड ट्रंप पर आरोप लगाए हैं। पिछले साल फ्लोरिडा स्थित उनके मार-अ-लागो रिसॉर्ट में पाए गए दस्तावेज़ों में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील जानकारी भी मौजूद थी।

क्या है पूरा मामला

अमेरिका के पूर्व कमांडर-इन-चीफ, जो दो बार महाभियोग का भी सामना कर चुके हैं, अब पहले ऐसे पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बन गए हैं, जिन पर केंद्र की ओर से आपराधिक आरोप लगाए गए हैं। इन आरोपों से उनके राजनैतिक भविष्य पर भी सवालिया निशान लगता नज़र आता है, क्योंकि वह 2024 में दोबारा राष्ट्रपति चुनाव लड़ने पर विचार कर रहे हैं।

पिछले साल अगस्त में एफबीआई ने मार-अ-लागो से 11,000 से अधिक दस्तावेज़ ज़ब्त किए थे, और उस दौरान ट्रंप को न्याय में बाधा डालने के आरोपों का सामना करना पड़ा था। आखिरकार जनवरी, 2022 में उन्होंने लगभग 200 गोपनीय दस्तावेज़ों वाले 15 बक्से नेशनल आर्काइव को सौंपे थे।

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