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बीजिंग: चीन ने सुरक्षा कारणों से चीनी एप्‍स पर प्रतिबंध लगाने के भारत के फैसले पर चिंता जताई है। इसके साथ ही बीजिंग उम्‍मीद जताई है कि चीनी कंपनियों सहित सभी विदेशी निवेशकों के साथ भारत पारदर्शी, निष्‍पक्ष और बिना भेदभाव के काम करेगा। सरकार के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भारत ने हाल ही में 54 मोबाइल एप्‍स के एक्सिस को ब्‍लॉक कर दिया था, जिसमें से ज्‍यादातर चीनी हैं।

चीन के वाणिज्‍य मंत्रालय के प्रवक्‍ता ने इस पर टिप्‍पणी करते हुए कहा, 'भारतीय अधिकारियों ने हाल ही में चीनी कंपनियों और उसके उत्‍पादों पर अंकुश लगाने के कई उपाय किए हैं, जिसमें चीनी कंपनियों के वैध अधिकारों और हितों को नुकसान पहुंचा है। यह देखने में आया है कि चीनी कंपनियों सहित विदेशी निवेशक भी भारत में निवेश के माहौल को लेकर काफी चिंतित हैं। विदेशी निवेशकों ने भारत में रोजगार के काफी अवसर बनाए हैं और भारत के आर्थिक विकास में योगदान दिया है।'

चीन के वाणिज्‍य मंत्रालय ने उम्‍मीद जताई है कि भारत अपनी कारोबारी माहौल में सुधार करेगा और चीनी कंपनियों सहित तमाम विदेशी निवेशकों के साथ निष्‍पक्ष, पारदर्शी और बिना भेदभाव के व्‍यवहार करेगा।

वाशिंगटन: यूक्रेन पर रूसी आक्रमण का खतरा अभी भी बना हुआ है। रूस ने दावा किया था कि यूक्रेन के बॉर्डर से उसकी सेनाएं युद्धाभ्यास ख़त्म कर लौटने लगी हैं, लेकिन अमेरिका में बाइडेन प्रशासन के अधिकारियों ने बुधवार को रिपोर्ट्स से कहा कि अमेरिका को यकीन है कि रूस का यूक्रेन के पास से सेना हटाने का दावा "झूठ" है। एक समाचार एजेंसी के मुताबिक अमेरिकी प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा, "तो कल रूसी सरकार ने कहा कि वो यूक्रेन के बॉर्डर पर से अपनी सेना वापस बुला रहा है। इस दावे की अमेरिका और बाकी दुनिया में बहुत चर्चा हुई। लेकिन अब हम जानते हैं कि यह गलत था।" अधिकारी ने हालांकि यह नहीं बताया कि रूस के दावे को झूठ बताने का उनके पास क्या सबूत है?

नाम ना बताने की शर्त पर एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि बाइडेन प्रशासन ने इस बात की पुष्टि की है कि, "रूस ने यूक्रेन के बॉर्डर पर 7000 सैनिक और बढ़ा लिए हैं। इनमें से से कई बुधवार को पहुंचे हैं।"

मास्को: यूक्रेन-रूस के बीच चल रहे संघर्ष के बीच राहत भरी खबर है। न्यूज एजेंसियों के हवाले से सामने आई खबर के मुताबिक, रूस ने क्रीमिया में अपने सैन्य अभ्यास की समाप्ति की घोषणा कर दी है। इसके बाद सैनिक भी वहां से वापस लौट रहे हैं। इसे यूक्रेन के लिए राहत के संकेत समझे जा रहे हैं। दरअसल, एक दिन पहले मंगलवार को पुतिन ने युद्ध की संभावना से इंकार कर दिया था।

रूस के रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को एक वीडियो जारी किया है। इसमें कहा गया है कि क्रीमिया से सेना वापस आ रही है। इस वीडियो में टैंकों और सैन्य वाहनों को क्रीमिया से बाहर निकलते हुए दिखाया गया है। साथ ही यह भी कहा गया है कि सैनिक भी अपने स्थाई ठिकानों पर लौट आएंगे।

यूक्रेन को घेरने के लिए रूस ने जबरदस्त व्यूह रचना की थी। इसमें क्रीमिय भी शामिल था। मेक्सार टेक्नालॉजी ने 48 घंटे पहले की सैटेलाइट तस्वीरें साझा की थीं। इनमें बेलारूस, क्रीमिया व पश्चिमी रूस में सेना की व्यूह रचना साफ नजर आ रही थी।

वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मंगलवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को चेतावनी दी कि यूक्रेन पर हमला एक 'खुद का घाव' साबित होगा। प्रेसिडेंट बाइडेन ने उन्हें युद्ध से पीछे हटने के लिए कहा। बाइडेन ने कल 'अनावश्यक मृत्यु और विनाश' के बारे में स्पष्ट रूप से बात की। उन्होंने मास्को को मौजूदा संकट का जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि रूस अगर नहीं मानता है तो उसे अंतरराष्ट्रीय आक्रोश का सामना करना पड़ेगा।

उन्होंने कहा, "अगर रूस आने वाले दिनों या हफ्तों में आक्रमण करता है तो यूक्रेन के लिए मानवीय लागत बहुत अधिक होगी। साथ ही रूस के लिए रणनीतिक लागत भी बहुत अधिक होगी। अगर रूस यूक्रेन पर हमला करता है तो इसकी भारी अंतरराष्ट्रीय निंदा होगी। दुनिया यह मत भूले कि रूस ने अनावश्यक मौत और विनाश को चुना है। यूक्रेन पर हमला करना खुद के लिए घाव साबित होगा।"

जो बाइडेन ने व्लादिमीर पुतिन को चेतावनी दी कि अगर रूस आगे बढ़ता है, तो अमेरिका उसकी आक्रामकता का विरोध करने के लिए दुनिया को एकजुट करेगा।

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