ताज़ा खबरें
संभल हिंसा: सपा सांसद बर्क और पार्टी विधायक के बेटे पर मुकदमा
संसद में अडानी के मुद्दे पर हंगामा, राज्यसभा पूरे दिन के लिए स्थगित
संभल में मस्जिद सर्वे के दौरान भड़की हिंसा:अब तक 4 लोगों की मौत
निज्जर हत्याकांड: कनाडा में चार भारतीयों के खिलाफ सीधे होगा ट्रायल
हेमंत सोरेन ने पेश किया सरकार बनाने का दावा, 28 को लेंगे शपथ

भुवनेश्वर: तटीय ओडिशा में कई गांव रविवार को महानदी के बाढ़ के पानी से घिर गए। कटक के पास मुंदाली बैराज से 10 लाख क्यूसेक पानी का प्रवाह होने से यह स्थिति पैदा हुई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। एक क्यूसेक जल प्रवाह की इकाई (मात्रा) है। इसका अर्थ है प्रति सेकंड 28.317 लीटर का प्रवाह। इस तरह 10 लाख क्यूसेक का अर्थ हुआ प्रति सेकंड 28,300,000 लीटर पानी का प्रवाह। बाढ़ संबंधित घटनाओं में अब तक 17 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है, जबकि 10 हजार से अधिक घर बर्बाद हो चुके हैं।

विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) पी के जेना ने कहा कि मुंदाली में सात लाख क्यूसेक (19,821,900 लीटर प्रति सेकंड) के प्रवाह से भी आमतौर पर महानदी की दो सहायक नदियों दया और भार्गवी में बाढ़ आ जाती है। उन्होंने कहा कि बाढ़ के पानी से पुरी जिले में कनासा और डेलांग ब्लॉक के कई गांव जलमग्न हो गए हैं। साथ ही डाया के दो तटबंध और खुरदा जिले के राजुआ में एक और तटबंध टूट गया है। उन्होंने कहा कि बाढ़ का पानी कम होने के तत्काल बाद तटबंधों की मरम्मत कराई जाएगी।

 

नदी में आई बाढ़ से कटक जिले के बांकी क्षेत्र में गांवों में पानी भर गया और सड़क सम्पर्क प्रभावित हुआ। मुख्य सचिव ए के त्रिपाठी ने बताया कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक सोमवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे और स्थिति को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक करेंगे। त्रिपाठी ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार राहत एवं बचाव के लिए सभी इंतजाम कर लिए गए हैं और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पर्याप्त संख्या में एनडीआरएफ, ओडीआरएएफ और दमकल कर्मियों की टीमों को तैनात किया गया है।

मुख्य सचिव ने कहा कि महानदी में उच्च स्तर का जलप्रवाह सोमवार तक जारी रहने की संभावना है। उन्होंने कहा कि जल संसाधन विभाग के इंजीनियर केंद्रपाड़ा, पुरी, जगतसिंहपुर और कटक जिलों में स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। इस बीच मौसम विज्ञान केंद्र ने अगले तीन दिनों के दौरान क्योंझर, मयूरभंज, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, रायगढ़ा, गजपति, मल्कानगिरि और जाजपुर जिलों सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तीव्रता की वर्षा होने का अनुमान जताया है।

पूर्वानुमान के मद्देनजर, एसआरसी ने जिला कलेक्टरों से स्थिति की बारीकी से निगरानी करने और उचित कार्रवाई करने के लिए कहा है। हीराकुंड बांध के 64 फाटक में से 43 को अधिकारियों ने खोल दिए हैं। विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) पी के जेना ने एक उच्च-स्तरीय बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ''अब हिराकुंड बांध से 7.65 लाख क्यूसेक से अधिक (प्रति सेकंड 21,662,505 लीटर) पानी छोड़ा जा रहा है।" एसआरसी ने कहा कि हीराकुंड बांध का जलस्तर रविवार दोपहर 628 फुट था।

 

 

 

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख