प्रयागराज: यूपी बोर्ड की परीक्षा में सम्मिलित 10वीं-12वीं के 50 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं का इंतजार खत्म हो गया है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक और यूपी बोर्ड के पदेन सभापति विनय कुमार पांडेय शनिवार को बोर्ड मुख्यालय में परिणाम घोषित किए। हाईस्कूल में 80.07 प्रतिशत परीक्षार्थी पास हुए हैं जबकि इंटरमीडिएट में 70.06 प्रतिशत परीक्षार्थियों को सफलता मिली है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक और यूपी बोर्ड के सभापति विनय कुमार पांडेय ने बताया कि हाईस्कूल में 80.07 प्रतिशत परीक्षार्थी पास हुए हैं जबकि इंटरमीडिएट में 70.06 प्रतिशत परीक्षार्थियों को सफलता मिली है। पिछले वर्ष की तुलना में हाईस्कूल के उत्तीर्ण प्रतिशत में 4.91 की वृद्धि हुई है जबकि इंटरमीडिएट में 2.37 की कमी हुई है।
हाईस्कूल की टॉप-10 सूची में विभिन्न जिलों के 21 विद्यार्थियों के नाम हैं जबकि इंटरमीडिएट टॉप-10 में 14 विद्यार्थियों के नाम हैं। माध्यमिक शिक्षा निदेशक और यूपी बोर्ड के सभापति विनय कुमार पांडेय ने शनिवार को परिणाम घोषित किए। हाई स्कूल की परीक्षा टॉप करने वाले गौतम रधुवंशी कानपुर के ओम्कारेश्वर सरस्वती विद्या निकेतन इंटर कॉलेज के है जबकि इंटर की टॉपर तनु तोमर श्री राम इंटर कॉलेज बड़ौत बागपत की हैं।
बोर्ड से मिल रहे संकेतों की मानें तो परिणाम बच्चों को फील गुड कराने वाला है। दो साल से परीक्षा के दौरान की गई सख्ती के बाद छात्र-छात्राओं को राहत मिली है।
ऑनलाइन उपलब्ध है परिणाम
इसके अलावा यूपी बोर्ड का परिणाम ऑनलाइन उपलब्ध है। बोर्ड अपनी अधिकारिक वेबसाइट upresults.nic.in पर परिणाम जारी किया है। चुनाव होने के कारण परिणाम में अधिक सख्ती नहीं की गई है। पिछले साल भी सख्ती के कारण रिजल्ट खराब होने की आशंका जताई जा रही थी लेकिन 29 अप्रैल 2018 को जब परिणाम घोषित हुआ तो हाईस्कूल के 75.16 और इंटर के 72.43 प्रतिशत छात्र-छात्राएं सफल थे।
यूपी बोर्ड के नियम इतने लचीले हैं कि यदि किसी छात्र ने एक नंबर का भी सही सवाल किया है तो उसे 30-35 अंक तक मिल सकते हैं। असल में बोर्ड हाईस्कूल और इंटर में क्रमश: 20 व 18 नंबर तक ग्रेस मार्क्स देता है। लेकिन ग्रेस उसी को मिलते हैं जिसे लिखित परीक्षा में जीरो नंबर न मिले हों। मान लीजिए किसी छात्र को हाईस्कूल साइंस की लिखित परीक्षा में एक नंबर मिला है और वह उसी में फेल हो रहा है। तो बोर्ड उसे 20 नंबर तक ग्रेस दे सकता है। इसके बाद यदि 12 या 14 नंबर मॉडरेशन के तहत सभी छात्रों को मिले तो उस एक नंबर वाले छात्र को 33 या 35 नंबर तक मिल जाएंगे।
इसी प्रकार इंटर में यदि किसी छात्र को जीव विज्ञान में तीन नंबर मिले और वह उसी में फेल हो रहा है तो उसे बोर्ड अधिकतम 18 नंबर ग्रेस मार्क्स दे सकता है। उसके बाद इसी विषय में मॉडरेशन के तहत 10 या 12 नंबर बोर्ड देता है तो उस परीक्षार्थी को कुल 33 नंबर तक मिल जाएंगे। बोर्ड में यह नियम 2011 से ही लागू है।