गोरखपुर: बीआरडी मेडिकल कालेज में ऑक्सीजन की कमी से 33 बच्चों की मौत मामले में फरार चल रहे पुष्पा सेल्स के मालिक मनीष भंडारी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। रविवार सुबह गोरखपुर में देवरिया बाईपास के पास से मनीष को पकड़ा गया। मनीष ने कल ही कोर्ट में आत्मसमर्पण के लिए अर्जी लगाई थी। बीआरडी ऑक्सीजन त्रासदी में वह नौवां आरोपी है।
इसके पहले पुलिस मेडिकल कालेज के पूर्व प्राचार्य प्रो.राजीव मिश्र, उनकी पत्नी डॉ.पूर्णिमा शुक्ला, इंसेफेलाइटिस वार्ड के प्रभारी रहे डॉ.कफील, डॉ.सतीश और कॉलेज के चार पूर्व कर्मचारियों सहित कुल नौ लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। मनीष भंडारी की गिरफ्तारी के बाद अब इस मामले में कोई भी आरोपी बाहर नहीं है। उम्मीद है कि अब पुलिस जल्द से जल्द अपनी चार्जशीट तैयार करेगी। इससे पहले बुधवार को बीआरडी मेडिकल कॉलेज आक्सीजन काण्ड के एक अन्य आरोपी चीफ फार्मासिस्ट गजानन जयसवाल ने बुधवार को अदालत में सरेंडर कर दिया था।
उधर इस मामले में गिरफ्तार संजय त्रिपाठी को बुधवार को अदालत में पुलिस ने पेश किया। चीफ फार्मासिस्ट गजानन एवं संजय त्रिपाठी को अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। संजय को मंगलवार की दोपहर बाद कैंट पुलिस ने कचहरी के पास से गिरफ्तार कर लिया था। वह कोर्ट में सरेण्डर करने की तैयारी में था। डॉक्टर सतीश कुमार साथ के साथ सहायक के रूप के आक्सीजन की उपलब्धता को लेकर लॉग बुक और स्टाक बुक संभालने वाले चीफ फार्मासिस्ट गजानन जयसवाल भी दोषी ठहराए गए थे।
जांच कमेटी के समक्ष वे अपडे़ट लॉग बुक और स्टाक बुक नहीं प्रस्तुत कर पाए। न ही उन कोई हस्ताक्षर था, जबकि कई स्थानों पर ओवरराइटिंग भी मिली। इसलिए इस मामले में गजानन को भी आरोपी बनाया गया था। आक्सीजन कांड में गिरफ्तार निलंबित प्राचार्य डा. राजीव मिश्रा, पूर्व प्राचार्य की पत्नी डा. पूर्णिमा शुक्ला, एनेस्थीसिया के हेड डा. सतीश कुमार, लेखा विभाग के लिपिक सुधीर पांडेय भी बुधवार को अदालत में पेश हुए। उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि पूर्ण होने पर पुलिस ने अदालत में पेश किया।
फिलहाल सभी को जेल भेज दिया गया है। बीआरडी मेडिकल कालेज के आक्सीजन प्रकरण की आरोपी पूर्व प्राचार्य डा. राजीव मिश्र की पत्नी डा. पूर्णिमा शुक्ला की तरफ से उनके अधिवक्ता ने जमानत की अर्जी डाली है। मंगलवार को जिला जज कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई है। जिसमें सुनवाई के लिए 26 सितम्बर की तारीख तय की गई है। आक्सीजन प्रकरण में डा. पूर्णिमा पर भ्रष्टाचार की धारा में केस दर्ज है। उन पर भ्रष्टाचार की धारा के साथ अलग से दो सेक्शन भी लगाया गया है।