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लखनऊ (जनादेश ब्यूरो): सपा मुखिया एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट लखनऊ मेट्रो का मंगलवार को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने उद्घाटन किया। इस पर समाजवादी पार्टी के लोग योगी के लिए ट्वीट कर कह रहे हैं, 'राम नाम जपना, पराया माल अपना'। याद रहे कि अखिलेश यादव मेट्रो के ट्रायल रन का उद्घाटन पिछले साल 1 दिसंबर को ही कर चुके थे। लिहाजा अब सपा-भाजपा में मेट्रो का क्रेडिट लेने की होड़ है। लखनऊ मेट्रो का उद्घाटन तो मुख्यमंत्री योगी को सुबह 11:30 बजे करना था, लेकिन मंगलवार सुबह जब लखनऊ सोकर उठा तो उसे 'टाइम्स ऑफ इंडिया' अखबार में समाजवादी पार्टी का एक फुल पेज विज्ञापन दिखा, जिसमें अखिलेश के मेट्रो उद्घाटन की बड़ी-बड़ी तस्वीरें छपी थीं और साथ में लिखा था, 'अखिलेश यादव के सपनों की मेट्रो में अब लखनऊ करेगा सफर।' यही नहीं ट्विटर, फेसबुक और व्हाट्सऐप वगैरह ऐसे पोस्ट से भरे थे, जिन पर सपा नेताओं ने मेट्रो के साथ अखिलेश की तस्वीरें लगाकर 'अखिलेश की मेट्रो' लिख रखे थे। दोपहर होते-होते यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने हरी झंडी दिखाई और लखनऊ मेट्रो चल पड़ी।

इसे बनाने का सेहरा अखिलेश के सिर है, लेकिन सियासत दूसरे के सिर सेहरा नहीं बांधती, लिहाजा सीएम ने मेट्रो चलाने के लिए सबको धन्यवाद दिया, सिवाय अखिलेश के आदित्यनाथ ने कहा, 'मैं गृहमंत्री राजनाथ सिंह का आभारी हूं कि उन्होंने इसमें बड़ी भूमिका निभाई। इंजीनियर श्रीधरन जी का और लखनऊ मेट्रो के एमडी कुमार केशव जी और उनकी पूरी टीम को बधाई दूंगा कि तीन वर्ष के लखनऊ मेट्रो के इस कार्य को उन्होंने दो वर्ष के अंदर पूरा कर दिया।' पिछले साल के आखिरी दिनों में अखिलेश अपने प्रोजेक्ट्स का धड़ाधड़ उद्घाटन कर रहे थे। चुनाव सिर पर थे और मेट्रो अधूरी, इसलिए अखिलेश ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट के ट्रायल रन का ही उद्घाटन पिछले साल 1 दिसंबर को कर दिया था। उस वक़्त अखिलेश यादव ने कहा था कि आज से मेट्रो ने लखनऊ मैं दौड़ना शुरू कर दिया है और अब मार्च से आम लोग मेट्रो से सफर करेंगे। योगी के मेट्रो का उद्घाटन करने पर सबसे दिलचस्प ट्वीट सपा प्रवक्ता पंखुड़ी पाठक की है, जिन्होंने लिखा है, 'राम-राम जपना, पराया माल अपना।' सपा के नेताओं की प्रतिक्रिया इस मुद्दे पर काफी तल्ख है। पार्टी के राज्यसभा सदस्य नरेश अग्रवाल कहते हैं, वो दिन दूर नहीं जब भाजपा के लोग भाखड़ा नांगल डैम का भी दोबारा उद्घाटन करके कह देंगे कि इसे नेहरू ने नहीं हमने बनवाया। अखिलेश और योगी के बीच शुरू हुई इस मेट्रो जंग में अखिलेश के पिता मुलायम गुट के लोग भी कूद पड़े हैं और सोशल साइट्स पर लिख रहे हैं, 'मां-बाप की इज्जत करो नहीं तो 5 साल की मेहनत पर 5 महीने वालों की फोटो लग जाती है।' वहीं भाजपा नेता कह रहे हैं कि मायावती के बनाए यमुना एक्सप्रेसवे का उद्घाटन जब अखिलेश यादव ने किया था को क्या उसका क्रेडिट मायावती को दिया था? बहरहाल मेट्रो चल पड़ी है और मुसाफिर भी इसी गुफ्तगू में मशगूल हैं कि मेट्रो किसने बनाई, किसने चलाई, वगैरह-वगैरह।

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