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लखनऊः (जनादेश ब्यूरो) शिक्षक दिवस के मौके पर जहां पूरे देश में शिक्षकों का सम्मान हो रहा है। वहीं दूसरा तरफ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से ऐसी तस्वीरें सामने आई, जिसमें अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों पर पुलिस ने जमकर लाठियां बरसाई। यूपी विधानसभा की तरफ कूच कर रही शिक्षकों की भीड़ पर अचानक पुलिस ने लाठियां भांजना शुरु कर दिया। दरअसल उत्तर प्रदेश में शिक्षा प्रेरेक संघ के बैनर तले साक्षरता प्रेरक अपनी स्थायी नियुक्ति की मांग कर रहे थे। प्रदर्शनकारी शिक्षक अपनी मांगों को लेकर विधानसभा की तरफ कूच कर रहे थे। शिक्षा प्रेरक संघ के कर्मचारी पहले लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर इकठ्ठा हुए। जिसके बाद इन्होंने विधान भवन का घेराव करने के लिए पैदल मार्च शुरू किया, इसी दौरान विधान भवन का घेराव करने जा रहे शिक्षा प्रेरक संघ के कर्मचारियों पर पुलिस ने जमकर लाठियां बरसाईं। इस लाठी चार्ज में कई कर्मचारी घायल हो गए। लाठी चार्ज के दौरान पुलिस ने महिला एवं पुरुष कर्मचारियों को जमकर धुना। लाठीचार्ज से भगदड़ मच गई और कई शिक्षक चोटिल हो गए। इस दौरान कई कर्मचारियों के हाथ पैर में चोटें आई हैं। लाठी चार्ज में एक महिला के सर पर काफी चोट आई है।

उस महिला को बाद अन्य कर्मचारी प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल लेकर गए। लाठीचार्ज के दौरान प्रदर्शन करने वाले कई शिक्षक भी घायल हो हुए हैं। वहीं एक महिला बेहोश हो गईं। बता दें कि शिक्षक प्रेरक वे लोग होते हैं जो स्कूल में बच्चों को लाने-ले जाने का काम करते हैं। इन लोगों का कहना है कि पिछले तीन सालों से उनका वेतन नहीं दिया गया है, जिसके विरोध में आज वे प्रदर्शन करने लखनऊ आए थे। आदर्श साक्षरता कर्मी वेलफेयर एसोशिएशन के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु प्रताप सिंह का कहना है कि उन लोगों को ढाई साल से मानदेय नहीं दिया गया है। साक्षर भारत मिशन कार्यक्रम के अंतर्गत ग्राम पंचायत स्तर पर प्रेरक को मात्र दो हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जा रहा है। ये मानदेय भी ढाई साल से नहीं मिलने से प्रेरकों के सामने भुखमरी की स्थिति आ गई है। अपनी इन्हीं 10 सूत्री मांगों को पूरा करने की मांग उन्होंने लखनऊ पहुंच कर उठाई है। उन्होंने कहा कि इन प्रेरकों से सरकार अन्य काम भी लेती है पर उन्हें समय से मानदेय का भुगतान तक नहीं किया जा रहा है।

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