ताज़ा खबरें
जितनी जल्दी संभव हो,केंद्र सरकार कराएं जाति जनगणना: सोनिया गांधी
ऐतिहासिक गिरावट: रुपया 45 पैसे टूटकर 87.95 प्रति डॉलर पर पहुंचा

फर्रुखाबाद: यूपी से बच्चों की मौत के मामले एक के बाद एक आते ही जा रहे हैं। पहले गोरखपुर और अब फर्रुखाबाद से यह बुरी खबर आई है। यूपी के फर्रुखाबाद में डॉक्टर राम मनोहर लोहिया ज़िला अस्पताल में एक महीने में 30 बच्चों की मौत के बाद डीएम ने तीन डॉक्टरों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज करवाई है। अस्पताल में पिछले एक महीने में कुल 49 बच्चों की मौत हुई है। जिनमें 19 बच्चे मृत पैदा हुए थे। मृत बच्चों के रिश्तेदारों का कहना है कि अस्पताल में ऑक्सीजन और दवा की कमी की वजह से बच्चों की मौत हुई है। इस मामले के चर्चा में आने के बाद जिलाधिकारी रबिन्द्र कुमार ने मामले पर तुरंत पैनल के द्वारा जाच करने का आदेश जारी कर दिया था, जिसकी जांच जिले के सदर एस डी एम सिटी मजिस्ट्रेट तहसीलदार सदर कर रहे थे। जांच प्रक्रिया को 3 दिनों के अन्दर सामने आने के बाद जांच में बड़ा खुलासा हुआ और जांच अधिकारी सिटी मजिस्ट्रेट ने कोतवाली सदर में जाच के दौरान दोषी पाए गए सीएमओ, सीएमएस जिला अस्पताल लोहिया और अन्य डॉक्टर के खिलाफ केस रजिस्टर करवा दिया गया है। जांच के दौरान जांच अधिकारियों ने मौतों की जांच की तो पता चला कि ज्यादातर मौतें ऑक्सीजन की कमी और दवाओं की कमी से हुई हैं।

इस पूरे मामले पर 176, 188, 304 जैसी संगीन धाराओ में केस दर्ज किया गया है। ​बता दें कि गोरखपुर के बीआरडी कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से 30 बच्चों की मौत के मामले में हाल ही में डॉक्टर कफील को भी गिरफ्तार किया गया है। बीआरडी कॉलेज में 100 बेड वार्ड के इंचार्ज डॉक्टर कफील को यूपी एसटीएफ ने गोरखपुर से गिरफ्तार किया। उनके खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज थाने में आईपीसी की धारा 409, 308, 120 बी, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के सेक्शन 8, इंडियन मेडिकल काउंसिल एक्ट 1956 के सेक्शन 15, सूचना तकनीकी अधिनियम सन 2000 के सेक्शन 66 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। तब से वह फरार चल रहे थे. उनके ऊपर बच्चों की मौत में गैरजिम्मेदारी बरतने, निजी प्रैक्टिस न करने का झूठा हलफानामा देने गबन करने और साजिश के आरोप हैं।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख