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लखनऊ: इस बार बक़रीद के मौक़े पर गौ रक्षकों के हमलों से डरे मुस्लिम संगठन उर्दू अख़बारों में पहले पन्ने पर बड़े-बड़े इशतहार देकर मुसलमानों से अपील कर रहे हैं कि वे सफेद जानवर की क़ुर्बानी न दें। इस तरह एक तरफ तो वे गाय काटने से रोकना चाहते हैं, दूसरी तरफ वे लोगों को आगाह कर रहे हैं कि सफेद बकरे काटने पर भी गौरक्षक उसे गाय बताकर उन पर हमले कर सकते हैं। ऐसे में भूरे या काले रंग के जानवर की क़ुर्बानी दें। बक़रीद 2 सितंबर को है। देश के बड़े-बड़े उर्दू अख़बार…"रोज़नामा राष्ट्रीय सहारा","इनक़ुलब" वगैरह में पहले पन्ने पर चौथाई पेज के इशतहार "जमीयत उल्म-ई-हिंद" की तरफ से छापे जा रहे हैं। इन इशतहारों में लिखा है कि मुसलमानों को मशविरा (सलाह)... यूपी और आसपास के हालात और घटनाओं की वजह से मुसलमान सफेद जानवर की क़ुर्बानी से बचें…मज़हब में काले जानवर की क़ुर्बानी जायज़ है, इसलिए किसी खुराफात से बचने के लिए इस पर अमल करें।

अगर कहीं खुराफाती लोग काले जानवर की भी क़ुर्बानी न देने दें तो समझदार लोगों के साथ प्रशासन को विश्वास में लेकर क़ुर्बानी दें। अगर फिर भी वहां क़ुर्बानी का रास्ता न निकले तो जिस आबादी में क़ुर्बानी मुमकिन हो वहां करा दें।” मुसलमानों को मायूस नहीं होना चाहिए और हालात का मुक़ाबला अमन और शांति, प्यार और मोहब्बत और सब्र और सुकून से करें।" देशभर में गौरक्षकों के हमले बढ़ रहे हैं। गाय लेकर जा रहे तमाम लोग गौकशी के अंदेशे में पीट-पीट कर मार डाले गए। यूपी में योगी सरकार आने के बाद लखनऊ में नगर निगम के छुट्टा जानवर पकड़ने वाले कर्मचारियों पर लावारिस गायों को पकड़ते वक़्त गौरक्षक क़रीब एक दर्जन बार हमले कर चुके हैं। चंद दिनों पहले गौरक्षकों के हमले से घायल नगर निगम के कैटल कैचिंग विभाग के 5 कर्मचारियों को राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। ऐसे में इस बक़रीद पर अंदेशे तमाम हैं। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के मेंबर मौलाना खालिद रशीद फिरंगिमहली कहते हैं, "हम लोग उत्तर प्रदेश के डीजीपी सुलखन सिंग से मिलकर कह चुके हैं कि इस बार बक़रीद में मुसलमान डरे हुए हैं, इसलिए उनकी सुरक्षा का इंतज़ाम होना चाहिए। डीजीपी ने सुरक्षा का भरोसा दिया है।" इस बीच शिया मुसलमानों ने शिया गौ सेवा दल के नाम से एक संगठन खड़ा कर लिया है। संगठन के अध्यक्ष शामिल शम्सी कहते हैं, "यूपी के 47 ज़िलों में हुमरी इकाइयां हैं। हम लोग हर ज़िले में पर्चे बांटकर मुसलमानों को बता रहे हैं कि एक हदीस है कि गाय के दूध में शिफा है लेकिन गाय के गोश्त में बीमारी है। दूसरा गाय काटने से हुमारे हिंदू भाइयों के दिल को चोट पहुंचती है, लिहाज़ा ऐसा कभी भूल के भी न करें।"

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