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बेंगलुरु: विपक्ष की कई प्रमुख पार्टियों के शीर्ष नेताओं ने यहां रात्रिभोज के मौके पर बैठक की, जहां से यह संदेश देने का प्रयास किया गया कि वे 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ एकजुट हैं।

वे मंगलवार को औपचारिक रूप से मंत्रणा करेंगे कि कैसे अगले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ एक साझा कार्यक्रम तैयार किया जाए और एकजुट होकर उसे मात दी जाए।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार और कुछ अन्य नेता भी मंगलवार को दूसरे दिन की बैठक में शामिल होंगे और इसके बाद बैठक में शामिल होने वाले विपक्षी दलों के नेता संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के माध्यम से आगे की रूपरेखा पेश करेंगे।

बैठक स्थल पर एक बैनर लगा था जिस पर ‘यूनाइटेड वी स्टैंड’ (हम एक हैं) लिखा हुआ था। इस नारे के पोस्टरों से बेंगलुरु की सड़कें भी पटी पड़ी हैं। शहर के एक पंचसितारा होटल में विपक्षी नेताओं के लिए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की ओर से आयोजित रात्रिभोज से पहले यहां अनौपचारिक रूप से कई मुद्दों पर चर्चा हुई।

कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल (यू) के शीर्ष नेता नीतीश कुमार, द्रमुक नेता एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन, राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव, शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे, झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता एवं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, आम आदमी पार्टी के नेता एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और कुछ अन्य नेता इस बैठक में शामिल हुए।

बैठक से पहले कांग्रेस ने भाजपा पर प्रहार करते हुए कहा कि अगले लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ विपक्षी दलों की एकजुटता भारत के राजनीतिक परिदृश्य के लिए परिवर्तनकारी साबित होगी तथा जो लोग अकेले दम पर विपक्षी पार्टियों को हरा देने का दंभ भरते थे, वे इन दिनों ‘राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के भूत’ में नयी जान फूंकने की कोशिश में लगे हुए हैं।

विपक्षी दलों की बैठक के दूसरे दिन की चर्चा 18 जुलाई को होगी और उसी दिन दिल्ली के एक पांचसितारा होटल में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की बैठक होने वाली है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा है कि राजग की बैठक में 38 दल शामिल होंगे।

विपक्ष की बैठक से पहले माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमल कांग्रेस (टीएमसी) के साथ गठबंधन की किसी भी संभावना को सोमवार को खारिज कर दिया और कहा कि वाम दल एवं कांग्रेस के साथ मिलकर धर्मनिरपेक्ष पार्टियां राज्य में भाजपा और टीएमसी दोनों का मुकाबला करेंगी।

उन्होंने यह भी कहा कि पूरा प्रयास होगा कि भाजपा के खिलाफ मतों का बंटवारा कम से कम हो।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पहले राजग की कोई बात ही नहीं होती थी और कुछ दिनों से हम अचानक इसके बारे में पढ़ और सुन रहे हैं। खबरें है कि कल राजग की एक बैठक बुलाई गई है, तो जो राजग भूत बन गया था, अब उसमें नयी जान फूंकने की कोशिश की जा रही है।’’

कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि 26 विपक्षी दल एकजुट होकर आगे बढ़ने, लोगों की समस्याओं का समाधान देने तथा ‘तानाशाही सरकार के क्रियाकलापों’ से उपजी चिंताओं से निपटने के लिए यहां हैं।

सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में विपक्षी दल 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने के लिए अपनी रणनीति तैयार करेंगे।

दो दिवसीय बैठक में विपक्षी दल साझा न्यूनतम कार्यक्रम के आधार पर काम करेंगे और मिलकर आंदोलन करने की योजना की घोषणा करने के साथ ही साझा घोषणापत्र और हर सीट पर भाजपा के खिलाफ विपक्ष का एक उम्मीदवार खड़ा करने के प्रस्ताव को आगे बढ़ाने पर चर्चा करेंगे।

कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने विपक्षी दलों की बैठक से पहले सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर प्रहार करते हुए कहा कि संसद में सभी विपक्षी दलों पर अकेले भारी पड़ने की बात करने के बाद अब उन्हें (प्रधानमंत्री को) 30 छोटे-छोटे दलों को गिनने की जरूरत क्यों पड़ गई।

उन्होंने यह भी कहा कि विपक्षी पार्टियों के एकजुट होने से भारतीय जनता पार्टी घबरा गई है।

विपक्षी दलों की पिछली बैठक 23 जून को पटना में हुई थी।

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