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बेंगलुरु: कांग्रेस ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए सोमवार को कहा कि जो लोग अकेले दम विपक्षी दलों को हरा देने का दंभ भरते थे, वे इन दिनों राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में नयी जान फूंकने की कोशिश कर रहे हैं। पार्टी ने यह दावा भी किया कि विपक्षी एकता भारतीय राजनीतिक परिदृश्य में ‘परिवर्तनकारी’ साबित होगी।

विपक्षी दलों के दो दिवसीय विचार-मंथन सत्र के आरंभ होने से पहले कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को एकाएक राजग की याद आ गई है।

रमेश ने कहा, ‘‘राजग में नयी जान फूंकने की कवायद की जा रही है। पहले राजग की कोई बात ही नहीं होती थी और कुछ दिनों से हम अचानक इसके बारे में पढ़ और सुन रहे हैं। खबरें है कि कल राजग की एक बैठक बुलाई गई है, तो जो राजग भूत बन गया था अब उसमें नयी जान फूंकने की कोशिश की जा रही है।’’ उन्होंने कहा कि यह पटना में हुई विपक्षी दलों की बैठक का नतीजा है।

इस दौरान कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा कि जो शासन में पूरी तरह नाकाम साबित हुए हैं और जिन्होंने लोगों को झूठे वादों से ठगा है, उन्हें वक्त आने पर लोग सबक सिखाएंगे।

वेणुगोपाल ने कहा कि 26 विपक्षी दल एकजुट होकर आगे बढ़ने, लोगों की समस्याओं का समाधान देने तथा ‘तानाशाही सरकार के क्रियाकलापों’ से उपजी चिंताओं से निपटने के लिए यहां हैं।

संगठन महासचिव ने कहा ,‘‘इसीलिए हम यहां आए हैं। यह दूसरी बैठक है। हम इस बैठक में आगे की रणनीति तय करेंगे।’’

उन्होंने कहा कि संसद का मॉनसून सत्र 20 जुलाई से प्रारंभ हो रहा है और विपक्षी दल इसके लिए भी रणनीति तैयार करेंगे।

वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘हमें पूरा विश्वास है कि यह भारतीय राजनीतिक परिदृश्य में ‘गेम चेंजर’ साबित होगा। हमें यह देख कर खुशी हो रही है कि जो अब तक ये कह रहे थे कि हम अकेले पूरे विपक्ष को आसानी से हरा देंगे, वे अब हमारी पटना बैठक के बाद खुद बैठकें शुरू कर रहे हैं...यही विपक्षी एकता की वास्तविक सफलता है।’’

उन्होंने कहा कि विपक्षी दल लोकतंत्र, संवैधानिक अधिकारों तथा संस्थाओं की स्वतंत्रता की रक्षा के साझा मकसद से साथ हैं।

वेणुगोपाल ने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा सरकार में इन पर हमले हो रहे हैं। वे विपक्ष की अवाज को दबाना चाहते हैं। वे विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय, केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल कर रहे हैं। राहुल गांधी को अयोग्य (संसद की सदस्यता से) ठहराया जाना इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।’’

उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) में अजित पवार की बगावत का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘महाराष्ट्र का घटनाक्रम भी यही दिखाता है। वे एजेंसियों का इस्तेमाल करके निर्वाचित सरकारों को अस्थिर करना चाहते हैं।’’

वेणुगोपाल ने कहा कि पिछले 75 दिन से मणिपुर ‘जल’ रहा है और ऐसे में ‘प्रधानमंत्री की खामोशी’ हैरान करने वाली है।

उन्होंने बेरोजगारी तथा बढ़ती मंहगाई का जिक्र करते हुए कहा कि देश की जनता बेहद परेशान है लेकिन सरकार आम आदमी की चिंताओं को दूर करने की दिशा में कोई प्रयास नहीं कर रही है।

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