बेंगलुरु: रेप के आरोप में जेल में बंद कर्नाटक के लिंगायत संत शिवमूर्ति शरणारू के खिलाफ चौकानें वाले आरोप सामने आएं हैं। पुलिस की तरफ से दायर चार्जशीट के अनुसार 15 और 16 साल की 2 लड़कियों ने आरोप लगाया है कि वो उन लोगों को किसी चीज से सनी हुई चॉकलेट खाने के लिए देता था। साथ ही सामने बैठा कर शराब भी पीता था और गालियां देता था। 15 साल की एक छात्रा ने आरोप लगाया है कि उसने मेरे कपड़े उतारे और मेरे साथ बलात्कार किया। मैंने उससे यह कहते हुए भीख मांगी कि 'हम गरीब परिवारों के बच्चे हैं, मुझे छोड़ दो।" लड़की ने कहा कि वो किसी चीज से सजी चॉकलेट खाने के लिए देता था। जिसका सेवन करने के बाद, मैं बेहोश हो जाती थी।
16 साल की एक दूसरी लड़की ने मजिस्ट्रेट के सामने कहा कि उसका कई बार यौन शोषण किया गया और चाकू की नोक पर उसे धमकाया गया। उसने कहा कि वार्डन रश्मि ने मुझे पिछले दरवाजे से स्वामी के कमरे में भेजा। जब मैंने अंदर प्रवेश किया, तो मैंने देखा कि वह शराब पी रहा था।
लड़की ने कहा, उसने मुझे फल दिए, जिसे खाने के बाद मैं बेहोश हो गई। जब मुझे होश आया, तो मेरे पास कपड़े नहीं थे। उसने मुझे धमकी दी चाकू की नोक पर उसने मेरे साथ रेप किया। छात्रा ने आरोप लगाया कि अगर कोई स्वामी के कमरे में जाने से मना करती थी तो वार्डन रश्मि उनके साथ मारपीट करती थी। बताते चलें कि 26 साल की वार्डन रश्मि को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
बताते चलें कि चित्रदुर्ग पुलिस ने मुरुघा मठ के प्रमुख संत शिवमूर्ति मुरुघा शरणारू के खिलाफ जिला अदालत में 694 पन्नों का आरोप पत्र दायर किया है। शरणारू पर नाबालिग लड़कियों का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। दो लड़कियों ने एक गैरसरकारी संगठन 'ओडानाडी सेवा संस्थान' की मदद से मैसूर में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद शरणारू को एक सितंबर को यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम और बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था। आश्रम के छात्रावास में रह रही लड़कियों ने आरोप लगाया था कि शरणारू ने उनका यौन उत्पीड़न किया था। शरणारू के खिलाफ अब तक तीन प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी हैं। तीसरी प्राथमिकी में शरणारू और छात्रावास के वार्डन समेत छह लोगों को आरोपी बनाया गया था।