बेंगलुरुः कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा ने अपने बेटे के चुनाव लड़ने का ऐलान करने के बाद यू.टर्न लिया है। उन्होंने कहा कि उनके बेटे और भाजपा की राज्य इकाई के उपाध्यक्ष बी. वाई. विजयेंद्र में कहीं से भी चुनाव जीतने की क्षमता है। लेकिन अंतिम निर्णय पार्टी आलाकमान को करना है। शिवमोगा के शिकारीपुरा विधानसभा क्षेत्र से आठ बार विधायक रहे येदियुरप्पा ने कहा कि वह अगला विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। लेकिन पार्टी आलाकमान को अपने बेटे को मैदान में उतारने का सुझाव देंगे।
इससे पहले येदियुरप्पा ने कहा था कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे लेकिन उनके बेटे चुनावी मैदान में होंगे। उन्होंने कहा कि मैं चुनाव नहीं लड़ रहा हूं। विजयेंद्र शिकारीपुरा से चुनाव लड़ेंगे। मैं शिकारीपुरा के लोगों से हाथ जोड़कर प्रार्थना करता हूं कि वह मेरे से बड़े अंतर से विजयी हों। ओल्ड मैसूर क्षेत्र से विजयेंद्र के चुनाव लड़ने के लिए कार्यकर्ताओं की मांग पर येदियुरप्पा ने कहा, ‘उन पर वहां से चुनाव लड़ने का बहुत बदाव है। लेकिन मैं सीट खाली कर रहा हूं और चुनाव नहीं लड़ूंगाए इसलिए विजयेंद्र शिकारीपुरा से चुनाव लड़ेंगे।‘
‘जहां आलाकमान कहेगा, बेटा वहां से लड़ने को तैयार‘
भाजपा नेता का अब कहना है कि पार्टी आलाकमान जहां से भी चुनाव लड़ने को कहेगाए विजयेंद्र चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। ईश्वर की कृपा से, उनके पास हर जगह से जीतने की ताकत है और उन्होंने अपने व्यक्तित्व का निर्माण उसी अनुरूप किया है। हालांकि, अंतिम निर्णय प्रधानमंत्री का होगा। मैं केवल सुझाव दे सकता हूं। हम उनके (प्रधानमंत्री के) फैसले पर कायम रहेंगे।
‘बेटे विजयेंद्र को चुनावी मैदान में उतारने का मेरे ऊपर दबाव‘
येदियुरप्पा के अनुसार एक कार्यक्रम के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं ने उन पर अगले साल विधानसभा चुनाव में फिर शिकारीपुरा से मैदान में उतरने का दबाव डाला। लेकिन उन्होंने मना कर दिया और भाजपा उम्मीदवार के रूप में अपने बेटे का नाम पेश किया। उन्होंने कहा, ‘मैंने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि मैं अगला चुनाव नहीं लड़ूंगा। लेकिन विजयेंद्र से चुनाव लड़ने के लिए कहूंगा। मैसूरू या चामराजनगर जिले से विजयेंद्र को मैदान में उतारने के लिए उन पर रोजाना दबाव बनाया जाता है।‘