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नई दिल्ली: कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस-जदएस सरकार पर मंडरा रहे संकट के बादलों के बीच मुख्यमंत्री कुमारस्वामी को बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने सहारा दिया है। मायावती ने कर्नाटक में अपनी पार्टी के विधायक को निर्देशित किया है कि वह कुमारस्वामी के समर्थन में वोट दे। बसपा मुखिया और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए गए एक ट्वीट में लिखा है, 'बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कर्नाटक में अपने बसपा के विधायक को सीएम कुमारस्वामी की सरकार के समर्थन में वोट देने हेतु निर्देशित किया है।'

पहले विश्वास मत में शामिल नहीं होने जा रहे थे बसपा विधायक महेश

बता दें कि इससे पहले कर्नाटक के बसपा विधायक एन महेश ने विश्वास मत में भाग नहीं लेने का फैसला किया था। महेश ने कहा था कि वह मायावती के निर्देश पर विश्वास मत में भाग नहीं लेंगे। अब मायावती के फैसले से सरकार को कुछ उम्मीद बंधी है। यदि सरकार सदन में बहुमत साबित नहीं कर पाई तो सरकार गिर जाएगी। कर्नाटक में पिछले कुछ दिनों से हाई वोल्टेज सियासी ड्रामा चल रहा है।

कुछ दिनों के अंदर करीब 15 विधायकों ने राज्य की गठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस लेते हुए स्पीकर को त्यागपत्र सौंप दिया। हालांकि स्पीकर ने सभी के इस्तीफे स्वीकर नहीं किए हैं। जिसके बाद यह सियासी उठापटक उच्चतम न्यायालय के दरवाजे पर भी पहुंची।

विश्वास मत को लेकर रणनीति बनाने में जुटे हैं सभी राजनीतिक दल

इसी बीच विश्वास मत को लेकर राजनीतिक दल अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं। राज्य में सियासी बैठकों का दौर जारी है। कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन के नेताओं ने बैठकें की तो भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने भी पार्टी विधायकों से मिलकर कार्ययोजना पर चर्चा की।

बागी विधायकों को मनाने की आखिरी कोशिश में गठबंधन के नेता

बताया जा रहा है कि गठबंधन नेता मुंबई में डेरा डाले बैठे बागी विधायकों को मनाने की आखिरी कवायद में जुटे हैं। शनिवार को येदियुरप्पा ने पत्रकारों से बातचीत में राज्य सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के शुक्रवार को ही विश्वास मत प्रक्रिया संपन्न कराने के निर्देश के बावजूद सदन में सरकार ने वक्त जाया किया।

येदियुरप्पा ने कहा कि विधायकों को घंटों बोलने दिया गया। उनके पास (सरकार) बहुमत नहीं है और वे सिर्फ समय खराब कर रहे हैं। अब राज्यपाल क्या कार्रवाई करते हैं, यह उन पर ही निर्भर करता है। उन्होंने दावा किया कि गठबंधन के पास 98 विधायक ही हैं जबकि भाजपा विधायकों की संख्या 106 है।

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