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बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा ने शुक्रवार को एक संशोधन विधेयक पारित कर एक निजी विश्वविद्यालय को कृषि विज्ञान का कोर्स कराने से रोक दिया। पूरे प्रदेश में कई जगह छात्रों ने विरोध प्रदर्शन कर निजी विश्वविद्यालयों को कृषि विज्ञान के कोर्स पर रोक लगाने की मांग की थी। छात्रों की दलील थी कि इससे कृषि की पढ़ाई में निजी कंपनियों की दखल बढ़ेगी। छात्रों के आंदोलन को देखते हुए कर्नाटक विधानसभा ने शुक्रवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए इस पर रोक लगा दी।

यह विधेयक राय टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी, बैंगलोर एक्ट, 2012 (2013 का कर्नाटक एक्ट 40) का संशोधित विधेयक है, जिसमें बेंगलुरु स्थित इस यूनिवर्सिटी के एग्रीकल्चर साइंस टेक्नोलॉजी कोर्स पर पाबंदी लगाई गई है। विधेयक में विस्तार से बताया गया है कि राय यूनिवर्सिटी ने कैसे इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च (आईसीएआर) के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया। विधेयक यह भी बताता है कि जिन छात्रों ने इस कोर्स के लिए पहले से दाखिला ले लिया है, उन पर इस साल कोई असर नहीं पड़ेगा।

प्रदेश के कानून और संसदीय कार्य मंत्री कृष्ण बायर गौड़ा ने कहा, फिलहाल दो हजार छात्र इस कोर्स के लिए एक ऐसी यूनिवर्सिटी में दाखिला ले चुके हैं जो न तो क्वालिटी वाली शिक्षा देती है और न ही अन्य सुविधाएं। गौड़ा ने यह भी कहा कि प्रदेश की चार यूनिवर्सिटी एग्रीकल्चरल कोर्स का कड़ाई से पालन कर रही हैं। उनका कहना है कि राय यूनिवर्सिटी छात्रों को डायरेक्ट एडमिशन देकर जरूरी कायदे-कानूनों का पालन नहीं कर रही है।

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