ताज़ा खबरें
आतंकियों को मारने की जगह उन्हें पकड़ कर पूछताछ हो: फारूक
अनंतनाग में मुठभेड़ जारी, जवानों ने दो विदेशी आतंकियों को किए ढेर
भारत के गांव में कमला हैरिस की जीत के लिए प्रार्थना, बांट रही मिठाई
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले पर सुप्रीम कोर्ट पांच नवंबर को करेगा सुनवाई
एनसीआर में दिल्ली की हवा सबसे खराब, छाई धुंध की जहरीली चादर
बीजेपी अस्तित्व में नहीं थी, तब भी लोग मनाते थे दीपावली: धर्मेंद्र यादव
आतंकियों का गैर कश्मीरी कर्मचारियों पर हमला, फायरिंग में दो घायल
खराब हवा वाले दस शहरों में दसों यूपी के, अब दिल्ली का 11वां नंबर

बेंगलुरू: पत्रकार गौरी लंकेश और अंधविश्वास विरोधी कार्यकर्ता एम एम कलबुर्गी की हत्या में एक ही देसी कट्टे का इस्तेमाल किया गया था। विशेष जांच दल (एसआईटी) के सूत्रों ने बताया कि राज्य फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला ने एक रिपोर्ट में इसकी पुष्टि की है। लंकेश की हत्या की जांच कर रहे विशेष जांच दल को सौंपी गई फॉरेंसिक रिपोर्ट एसआईटी द्वारा हाल में दाखिल पहले आरोप आरोप पत्र का हिस्सा है। उसमें के टी नवीन कुमार को आरोपी के तौर पर नामजद किया गया था। यह दोनों हत्याओं के बीच संबंधों की पहली आधिकारिक पुष्टि है। 

ये दोनों हत्याएं दो वर्ष के अंतराल पर हुई थीं। कलबुर्गी (77) की 30 अगस्त 2015 को धारवाड़ में जबकि 55 वर्षीय लंकेश की पांच सितंबर 2017 को यहां हत्या कर दी गई थी। एसआईटी सदस्यों ने इससे पहले एक ही पिस्तौल का इस्तेमाल किये जाने की थ्योरी की चर्चा की थी , लेकिन पहली बार यह सामने आया है कि कलबुर्गी की हत्या में भी उसी गिरोह का हाथ था जिसने लंकेश की हत्या की। रिपोर्ट का हवाला देते हुए एक सूत्र ने बताया कि दोनों मामलों में गोली एक ही देसी कट्टे से दागी गई। रिपोर्ट में गोलियों पर फायरिंग पिन से बने निशान एक-दूसरे से मेल खा गए।

लंकेश की उनके घर पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसको लेकर देशभर में तीखी प्रतिक्रिया हुई थी। लंकेश की हत्या की जांच के लिये गठित एसआईटी ने औपचारिक तौर पर मद्दुर के नवीन कुमार को गिरफ्तार किया। एक अन्य अंधविश्वास विरोधी कार्यकर्ता और लेखक के एस भगवान की हत्या की कथित तौर पर साजिश रचने के लिये चार और लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वह भी हिंदुत्व के आलोचक हैं। एसआईटी इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या उनका गौरी लंकेश की हत्या से कोई संबंध है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख