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नई दिल्ली: कर्नाटक में बुधवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे जदएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने सोमवार को कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी और अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात क।. इस दौरान दोनों पार्टियों के शीर्ष नेतृत्व ने फैसला किया कि राज्य में सरकार चलाने के लिए एक समन्वय समिति बनेगी। इस समिति में दोनों पार्टियों के पांच से छह सदस्य शामिल होंगे। बैठक में यह भी तय हुआ कि विधानसभा अध्यक्ष कांग्रेस कोटे से होगा। हालांकि, उप-मुख्यमंत्री तथा कांग्रेस कोटे से मंत्रियों की संख्या पर कोई अंतिम फैसला अभी नहीं हुआ है। दोनों पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं की आज मंगलवार को बेंगलुरु में बैठक होगी, जिसमें उप-मुख्यमंत्री और सत्ता साझेदारी से जुड़े दूसरे मुद्दों पर फैसला होगा।

कुमारस्वामी 23 मई की शाम साढ़े चार बजे प्रदेश सचिवालय में कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, यूपीए के चेयरपर्सन सोनिया गांधी, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, सपा नेता अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती के पहुंचने की उम्मीद है।

 

कर्नाटक के कांग्रेस विधायक शिवराम हेब्बार ने सोमवार को उस ऑडियो को फर्जी बताया, जिसमें भाजपा नेता विधानसभा में शक्ति परीक्षण के दौरान क्रॉस वोटिंग के लिए उन्हें धन और मंत्री पद की पेशकश करते सुनायी देते हैं। उन्होंने कहा कि ऑडियो में मेरी पत्नी की आवाज नहीं है। यह ऑडियो टेप फर्जी है। इसकी फॉरेंसिक जांच करायी जाएं। हमारी पार्टी ने भाजपा को फंसाने के लिए फर्जी ऑडियो जारी किया। शक्ति परीक्षण के मद्देनजर कांग्रेस ने तीन ऑडियो जारी किये थे और दावा किया था कि पार्टी विधायकों को भाजपा नेताओं ने खरीदने की कोशिश की, जिससे कि येदियुरप्पा सरकार बचायी जा सके।

कर्नाटक में सियासी उठापटक के बाद सोमवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला। शाह ने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस-जदएस का गठबंधन एक अपवित्र गठजोड़ है। यह जनता के साथ धोखा है, क्योंकि जनता ने कांग्रेस के खिलाफ और भाजपा के पक्ष में जनादेश दिया था। शाह ने यहां भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा कि हम पर हार्स ट्रेडिंग का आरोप लगाया गया, लेकिन कांग्रेस ने पूरा का पूरा अस्तबल ही बेच खाया. हम सबसे बड़े दल थे, इसलिए हमने सरकार बनाने का दावा किया। अगर हम सरकार बनाने का दावा नहीं पेश करते, तो यह कर्नाटक के लोगों के जनादेश के खिलाफ होता।

अमित शाह के आरोप पर कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने पलटवार किया. कहा कि उम्मीद थी कि शाह माफी मांगने के लिए प्रेस वार्ता करेंगे, लेकिन ये इतनी मोटी चमड़ी के हैं कि इनको शर्म नहीं है। इनको विधायकों को अगवा करने, सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग के लिए कर्नाटक और देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं, बल्कि ऐसे प्रचार मंत्री हैं जिनसे प्रचार में मुकाबला करना मुश्किल है। मैं सिर्फ मिसाल के तौर पर रहा हूं कि खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे।

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