बेंगलुरु: कर्नाटक में 48 घंटे के सियासी उतार-चढ़ाव के बाद आखिरकार प्रदेश में भाजपा की सरकार बन गई। भाजपा के बीएस येदियुरप्पा ने आज सीएम पद की शपथ ले ली है। बीएस येदियुरप्पा को राजभवन में राज्यपाल वजूभाई वाला ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। येदियुरप्पा ने कर्नाटक के 25वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। यह तीसरी बार है जब येदियुरप्पा को कर्नाटक के मुख्यमंत्री की कुर्सी मिली है। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्य़क्ष अमित शाह शामिल नहीं हुए। शपथ लेने के बाद येदियुरप्पा ने लोगों को हाथ दिखाकर उनका अभिवादन किया। उनके स्वागत के लिए राजभवन के बाहर ज़बरदस्त तैयारियां की गई। जगह-जगह ढोल-नगाड़े बज रहे थे। आज सिर्फ येदियुरप्पा ने ही शपथ ली। मंत्रिमंडल का शपथग्रहण विधानसभा में शक्ति परीक्षण के बाद होगा। सीएम येदियुरप्पा को 15 दिन के भीतर विधानसभा में अपना बहुमत साबित करना होगा।
शपथ ग्रहण समारोह में लगे मोदी-मोदी के नारे
येदिय़ुरप्पा के शपथ ग्रहण समारोह में मोदी-मोदी के नारे लग रहे थे। इतना ही नहीं जैसे ही येदियुरप्पा शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे वहां मौजूद लोगों ने उनका स्वागत भी मोदी-मोदी के नारे से किया।
शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने से पहले येदियुरप्पा मंदिर पहुंचे और पूजा-अर्चना की। बता दें कि इससे पहले मतदान के दिन भी येदियुरप्पा ने मंदिर में पहले पूजा की थी और फिर पोलिंग बूथ पहुंचे थे।
वहीं इससे पहले कर्नाटक का नाटक सुप्रीम कोर्ट में रातभर चला। सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस की शपथ को टालने की मांग मानने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने फ़ैसले में कहा कि वो राज्यपाल को आदेश नहीं दे सकते और शपथ पर रोक नहीं लगाई जा सकती। गौरतलब है कि एक तरफ भाजपा के सीएम उम्मीदवार शपथ लेने की तैयारी कर रहे थे, तो दूसरी तरफ कांग्रेस ने राज्यपाल पर आरोप लगाते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) का रुख किया और तत्काल सुनवाई करने का आग्रह किया। कांग्रेस की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एके सीकरी, अशोक भूषण और एसए बोडबे की खंडपीठ ने आधी रात के बाद पौने दो बजे कांग्रेस-जेडीएस की याचिका पर सुनवाई शुरू की और सुबह पांच बजे यह फैसला सुना दिया कि वह राज्यपाल के संवैधानिक अधिकारों में दखल नहीं दे सकती, इसलिए येदियुरप्पा पहले से तय कार्यक्रम के मुताबिक आज ही शपथ लेंगे। याचिकाकर्ता कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी ने अर्जी दी थी कि शाम तक इस शपथ ग्रहण समारोह को टाल दिया जाए, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
बहुमत साबित करना होगा चुनौती
देर रात तक सुनवाई करने के बाद खंडपीठ ने एक अहम बात कही है कि शुक्रवार(18 मई) को अदालत इस मामले में पर दोबारा सुनवाई करेगी और दोनों ही पक्षों के समर्थन करने वाले विधायकों की सूची सौंपनी होगी। कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी से कहा कि वे भाजपा और कांग्रेस-जेडीएस के समर्थकों की वह लिस्ट कोर्ट में जमा करवाएं जो उन्होंने राज्यपाल को सौंपी हैं।
किसके खाते में कितनी सीटें
राज्य में 12 मई को 222 निर्वाचन क्षेत्रों में हुए चुनाव में बीजेपी को 104 सीटें मिली हैं, जबकि कांग्रेस को 78 व जेडी(एस) को अपनी सहयोगी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ 38 सीटों पर जीत हासिल हुई है। ऐसे में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला और राज्य में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति है।