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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक की उस याचिका को बुधवार (16 मई) को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि राज्य में नई सरकार के गठन की प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में कावेरी प्रबंधन योजना के मसौदे को अंतिम रूप देने पर रोक लगाई जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र से कावेरी प्रबंधन योजना के मसौदे के उस प्रावधान में भी सुधार करने को कहा है जो केन्द्र सरकार को चार दक्षिणी राज्यों तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल और पुद्दुचेरी के बीच कावेरी जल बंटवारें पर ‘समय समय पर’ निर्देश जारी करने का अधिकार देता है।

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल से योजना में बदलाव करने और मंजूरी के लिए गुरुवार (17 मई) को उसे पेश करने को कहा। पीठ में न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ भी शामिल हैं। पीठ ने कर्नाटक की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान के उस अभ्यावेदन को स्वीकार नहीं किया कि राज्य में नई सरकार के गठन की प्रक्रिया चल रही है ऐसे में कावेरी प्रबंधन योजना के मसौदे को अंतिम रूप देने पर जुलाई के पहले सप्ताह तक रोक लगाई जानी चाहिए।

दीवान ने अपनी दलील में कहा, सभी संबंधित राज्य ड्राफ्ट योजना पर अभ्यावेदन दे रहे हैं। मैं जुलाई के पहले सप्ताह तक स्थगन का अनुरोध कर रहा हूं क्योंकि मुझे कर्नाटक के मंत्रिपरिषद की ओर से कोई निर्देश नहीं मिला है। इस पर न्यायालय ने कर्नाटक की याचिका खारिज करते हुए कहा, केन्द्र को मसौदा योजना तैयार करनी है। मामले पर सुनवाई गुरुवार (17 मई) को होगी।

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