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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

बेंगलुरू: कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद सत्ता पर काबिज होने की जंग लगभग खत्म हो चुकी है। भाजपा एक कदम आगे निकल चुकी है। कर्नाटक भाजपा ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि येदियुरप्पा कल गुरुवार को सीएम पद की शपथ लेंगे। 15 दिन के अंदर भाजपा को राज्य सरकार के लिए बहुमत साबित करना होगा।

इससे पहले कर्नाटक में भाजपा के विधायक सुरेश कुमार ने भी ट्वीट कर जानकारी दी थी कि येदियुरप्पा कल यानि गुरुवार को कर्नाटक के सीएम पद की शपथ लेंगे। बाद में उन्होंने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया था। भाजपा विधायक सुरेश कुमार ने ट्वीट किया था कि कल सुबह 9.30 बजे येदियुरप्पा लेंगे सीएम पद की शपथ।

उन्होंने आम लोगों को भी इस मौके पर मौजूद रहने को कहा था। उन्होंने ट्वीट में लिखा था कि सरकार बनाने को लेकर भाजपा अब आश्वस्त है। टीवी रिपोर्ट्स के मुताबिक खबरें यह भी आईं थी कि भाजपा को सरकार बनाने का निमंत्रण भी मिल चुका है। भाजपा को 21 मई तक बहुमत साबित करने का वक्त मिला है।

यह खरीद-फरोख्त को बढ़ावा देना होगा: कांग्रेस

कांग्रेस ने कहा कि राज्यपाल वजुभाई वाला कांग्रेस-जदएस गठबंधन को सरकार गठन के लिए आमंत्रित करने को संवैधानिक रूप से बाध्य हैं और अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो यह राज्य में खरीद-फरोख्त को बढ़ावा देना होगा। उसने यह भी कहा कि अगर राज्यपाल इस गठबंधन को न्योता नहीं देते हैं तो फिर राष्ट्रपति या न्यायालय के पास जाने का विकल्प खुला हुआ है।

राज्यपाल द्वारा बीएस येदियुरप्पा को सरकार बनाने का मौका देने से जुड़ी अटकलों के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं पी चिदंबरम, कपिल सिब्बल, रणदीप सुरजेवाला और विवेक तन्खा ने कहा कि राज्यपाल के फैसले की आधिकारिक घोषणा के बाद पार्टी इन दो विकल्पों को लेकर निर्णय करेगी। उन्होंने मीडिया से बातचीत में यह भी कहा कि अगर राजपाल चाहें तो उनके समक्ष 117 विधयकों की पेशी कराई जा सकती है। सिब्बल ने गोवा के मामले में उच्चतम न्यायालय की एक टिप्पणी का हवाला दिया और कहा कि कर्नाटक के राज्यपाल बहुमत वाले गठबंधन को सरकार बनाने का न्यौता देने के लिए संवैधानिक रूप से बाध्य हैं।

चिदंबरम ने कहा, 'कांग्रेस और जदएस ने कर्नाटक में चुनाव बाद गठबंधन किया है। लेकिन राज्यपाल ने कुमारस्वामी को सरकार बनाने का अब तक न्यौता नहीं दिया। यह पता चल रहा है कि राज्यपाल ने शायद येदियुरप्पा को बुलाया है, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं है। इसलिए हम अब तक यह मानकर चल रहे हैं कि राज्यपाल ने अब तक कोई फैसला नहीं किया।'

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