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अहमदाबाद (गुजरात): यहाँ 2002 में हुए दंगों के दौरान गुलबर्ग सोसायटी में 69 लोगों की हत्या के मामले में दोषी ठहराए गए 24 लोगों को विशेष अदालत 9 जून को सजा सुनाएगी। इसमें से 11 लोगों को सीधी तौर पर हत्या का दोषी माना गया है उन्हें फांसी की सजा देने की मांग की गई है। गौरतलब हो कि 14 साल बाद आए इस फैसले में 36 लोगों को बरी कर दिया गया था। न्यायाधीश पीबी देसाई ने 24 लोगों में से 11 को हत्या के आरोप में दोषी ठहराया जबकि विहिप नेता अतुल वैद्य समेत 13 अन्य को अपेक्षाकृत मामूली आरोप में दोषी पाया। अदालत ने भाजपा पार्षद बिपिन पटेल, पूर्व कांग्रेस पार्षद मेघ सिंह चौधरी और इलाके के तत्कालीन पुलिस निरीक्षक केजी एरडा को दोषमुक्त करार दिया। सभी आरोपियों पर लगाई गई आईपीसी की धारा 120-बी को हटाते हुए अदालत ने कहा कि इस मामले में आपराधिक साजिश का कोई सबूत नहीं है। साजिश के आरोपों को हटाने से दोषियों की जेल की सजा की अवधि कम होगी। इस मामले में 66 लोगों को आरोपी बनाया गया था। सुनवाई के दौरान 6 व्यक्तियों की मौत हो गई। नौ आरोपी अभी जेल में हैं जबकि अन्य जमानत पर बाहर हैं।

मामले की निगरानी कर रहे सुप्रीम कोर्ट ने विशेष जांच दल (एसआईटी) अदालत को 31 मई तक अपना फैसला सुनाने का निर्देश दिया था।

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