अहमदाबाद: कालेधन के खिलाफ नोटबंदी जैसा बड़ा फैसला लेने वाले पीएम नरेंद्र मोदी के गृहराज्य गुजरात से ही देश की अब तक की सबसे बड़ी बेहिसाबी आमदनी का खुलासा हुआ है। गुजरात के प्रॉपर्टी डीलर महेश शाह ने सरकार की इनकम डिक्लेरेशन स्कीम के तहत 13,860 करोड़ रुपए कैश होने की घोषणा की है। बेहद सामान्य घर में रहने वाले शाह को वीडीआईएस योजना के तहत इस रकम पर चार किश्तों में 45 प्रतिशत टैक्स भरना था। 30 नवम्बर से पहले शाह को इसकी पहली किश्त का 25 प्रतिशत यानी 1560 करोड़ रुपये जमा करना था लेकिन आखिरी तारीख तक उसने ऐसा नहीं किया और अब वो फरार बताया जा रहा है। गौरतलब है कि पहली किश्त जमा करने की मियाद खत्म होने से पहले ही इनकम टैक्स विभाग ने 28 नवम्बर को शाह का डिस्क्लोजर रद्द करके 29 और 30 नवम्बर को शाह और उनके सीए तेहमूल सेठना के ठिकानों पर सर्च किया। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने शुक्रवार को शाह की चार्टर्ड अकाउंटेंट फर्म अप्पाजी अमीन के ठिकानों पर छापे मारे। बताया जा रहा है कि शाह फरार हैं और आईटी डिपार्टमेंट ने 29 नवंबर से 1 दिसंबर के बीच भी शाह के ठिकानों पर सर्चिंग की है। हालांकि, आईटी डिपार्टमेंट ने छापों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। तेहमूल ने बताया कि उन्हें इनके व्यवसाय की ठोस जानकारी नहीं है लेकिन वो बड़ी चीज थे। वो कुछ खास पढ़े लिखे नहीं हैं, हालांकि काफी होशियार आदमी हैं।
उनके सम्पर्क बहुत बड़े लोगों से थे और वो जमीन में बड़े सौदे किया करते थे इसलिए उन्हें कभी उनके खुलासे पर संदेह होने की संभावना नहीं थी। सरकार की 30 सितंबर को बंद हुई आईडीएस स्कीम के तहत शाह ने 13,860 करोड़ रुपए के कैश का खुलासा किया था। सेठना ने बताया कि जब आईडीएस स्कीम आई तो मैंने शाह को सलाह दी कि वे अपने मन की शांति के लिए वे आमदनी का खुलासा कर दें। सेठना ने ये भी माना कि शाह के करीबियों के यहां भी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने छापे मारे हैं। इनकम टैक्स को शक था कि शाह फरार होने के बाद अपनी पहली किश्त नहीं चुकाएंगे इसलिए ही शाह का आईडीएस फॉर्म-2 कैंसल कर दिया गया। सेठना के मुताबिक शाह की फाईनेंशियल हालत इतनी मजबूत नहीं दिखती लेकिन उसने खुद इतना पैसा होने का दावा किया था। बता दें कि शाह ने 13,860 करोड़ की बेहिसाबी आमदनी का खुलासा किया है। इनकम डिस्क्लोजर स्कीम के तहत उन्हें 45% रकम बतौर टैक्स चुकानी होगी यानी उन्हें कुल 6237 करोड़ रुपए टैक्स देना होगा। स्कीम के तहत इसकी पहली किस्त 6237 करोड़ रुपए का 25% है जो उन्हें 1560 करोड़ रुपए के तौर पर चुकानी थी।