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कठुआ: जम्मू-कश्मीर में कठुआ जिले के राजबाग में 27 मार्च से चल रहे एनकाउंटर में 3 आतंकी मारे गए हैं। गोलीबारी में सुरक्षाबलों के चार जवान भी शहीद हुए हैं। ये जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) के जवान हैं। कल ये जवान घायल हुए थे, आज इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

शहीद जवानों में तारिक अहमद, जसवंत सिंह, बलविंदर सिंह शामिल हैं। इन्हें जम्मू मेडिकल कॉलेज (जेएमसी) रेफर किया गया था। जम्मू-कश्मीर के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) के इन जवानों को पेट में गोली लगी थी। डीएसपी धीरज सिंह समेत 4 अन्य घायलों का इलाज उधमपुर में सेना के अस्पताल में चल रहा है।

सूत्रों के मुताबिक राजबाग के घाटी जुथाना इलाके के जखोले गांव में सुरक्षाबलों को करीब 9 आतंकवादियों के छिपे होने की खबर मिली थी। इसके बाद सुरक्षाबलों ने आतंकियों को घेरने के लिए जॉइंट ऑपरेशन शुरू किया। गोलीबारी में 7 जवान घायल हुए थे।

जैश-ए-मोहम्मद के प्रॉक्सी संगठन पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट ने पुलिस पर गोलीबारी की जिम्मेदारी ली है।

शुक्रवार सुबह सुरक्षा बलों ने दोबारा सर्चिंग ऑपरेशन शुरू किया है। सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ और एसओजी की जॉइंट टीम थर्मल इमेजिंग, ड्रोन, हेलिकॉप्टर, बुलेटप्रूफ वाहन और खोजी कुत्तों की मदद से सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं।

23 मार्च से चल रहा है एंटी टेरेरिस्ट ऑपरेशन

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक 23 मार्च को हीरानगर सेक्टर में आतंकवादियों के एक ग्रुप को सुरक्षाबलों ने घेर लिया था, लेकिन वे भागने में कामयाब रहे। माना जा रहा है कि ये वही आतंकवादी हैं, जो सान्याल से निकलकर जखोले गांव के पास देखे गए।

यह गांव हीरानगर सेक्टर से लगभग 30 किमी दूर है। सुरक्षाबलों ने जानकारी मिलते ही उन्होंने इलाके को घेर लिया, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। इस दौरान सेना के दो जवान भी घायल हुए हैं, जिन्हें सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

आतंकियों ने एक परिवार को बंधक बनाया, लेकिन वे बच निकले 23 मार्च को कठुआ के हीरानगर सेक्टर में सुरक्षाबलों ने आतंकियों के एक ग्रुप को घेर लिया था। उस दिन आतंकियों ने एक बच्ची और उसके माता-पिता को पकड़ लिया था। मौका मिलने पर तीनों आतंकियों के चंगुल से भाग निकले थे। इस दौरान बच्ची की मामूली चोटें आई थीं। उन्होंने ही आतंकियों के छिपे होने की सूचना पुलिस को दी थी। महिला ने बताया था कि उसने पांच आतंकियों को देखा था। सभी ने दाढ़ी बढ़ा रखी थी और वे कमांडो की वर्दी पहने हुए थे।

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