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रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने चुनाव आयोग के पत्र को लेकर राजभवन की चुप्पी पर बुधवार को एक बार फिर तंज कसा। प्रोजेक्ट भवन सचिवालय में जब उनसे पूछा गया कि अभी तक राजभवन की तरफ से कुछ स्पष्ट क्यों नहीं किया जा रहा है, तो उन्होंने कहा कि यह सवाल आपलोगों को जिनसे पूछना चाहिए, उनकी बजाय आप मुझसे पूछ रहे हैं। हम तो उनके कहने के बाद बोलेंगे। अब बोलने की बारी जनता की है। जिसे बोलना है, उससे पूछना चाहिए।

संवैधानिक संस्थाओं की भूमिका कठघरे में

इस संबंध में सदन में विश्वास मत प्रस्ताव पर उन्होंने कहा कि वह मेरा क्लास रूम था। सभी वहां स्टूडेंट थे। वहां सबको बोलना चाहिए था। यह भी कहा कि इसमें क्या होगा, ये मैं नहीं बोल सकता। इससे जुड़े लोग ही बोलेंगे। जिसकी जिम्मेदारी है, उनको बोलना चाहिए। बगैर उनके बोले मैं क्या बोल सकता है।

इससे पूर्व सोमवार को सदन में विश्वास मत प्रस्ताव पर चर्चा का उत्तर देते हुए उन्होंने राजभवन पर निशाना साधा था। राज्यपाल की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा था कि वे पिछले दरवाजे से दिल्ली जाकर बैठ गए।

उन्होंने कहा, जब यूपीए के प्रतिनिधिमंडल ने उनसे मुलाकात की तो उन्होंने पत्र आने की बात स्वीकार की थी। यह भी कहा था कि दो-तीन दिन में इस बारे में वह स्पष्ट तौर पर बताएंगे। हेमंत सोरेन ने संवैधानिक संस्थाओं की भूमिका को भी कठघरे में खड़ा किया था।

अभी दिल्ली में ही हैं राज्यपाल रमेश बैस

राज्यपाल रमेश बैस फिलहाल दिल्ली में हैं। राजभवन के मुताबिक वे एम्स में रूटीन चेकअप के सिलसिले में वहां गए हैं। यह भी कहा जा रहा है कि वे वहां केंद्रीय गृहमंत्री से मुलाकात करेंगे। दिल्ली से लौटने के बाद वे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा की सदस्यता के संबंध में चुनाव आयोग से आए मंतव्य के संबंध में जानकारी दे सकते हैं। राजभवन के मुताबिक अभी विधि विशेषज्ञों से परामर्श लिया जा रहा है।

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