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रांची: सियासी संकट को लेकर आज राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास पर महागठबंधन के विधायकों की एक बैठ हुई थी। वहीं बैठक खत्म होने के बाद तीन बसें सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों को लेकर मुख्यमंत्री आवास से अज्ञात गंतव्य के लिए रवाना होती नजर आईं हैं। बसों में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विधायकों के साथ सुरक्षाकर्मी भी मौजूद थे। कहा जा रहा है कि खरीद-फरोख्त की आशंका के बीच विधायकों सुरक्षित जगह पर भेजा जा रहा है। हालांकि विधायकों को कहा भेजा जा रहा है, इसकी जानकारी अभी सामने नहीं आई है।

सूत्रों के हवालों से खबर आई थी कि सत्ताधारी गठबंधन के विधायकों को जरूरत पड़ने पर पश्चिम बंगाल या छत्तीसगढ़ जैसे "मित्र राज्यों" में स्थानांतरित करने की तैयारी की गई है। ऐसा भाजपा के डर से किया जा रहा है। एक कांग्रेस नेता ने मीडिया को बताया था कि "हमारे गठबंधन के विधायकों को छत्तीसगढ़ या पश्चिम बंगाल में भेजे जाने की सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। दोनों गैर-भाजपा सरकारों द्वारा संचालित हैं।

उन्होंने बताया, तीन लग्जरी बसें विधायकों को सड़क मार्ग से पहुंचाने के लिए रांची पहुंच गई हैं। कुछ एस्कॉर्ट वाहन भी होंगे।"

रणनीति बनाने के लिए मुख्यमंत्री आवास पर सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों की आज तीसरे दौर की बैठक हुई थी। सभी सत्तारूढ़ विधायक अपने सामान के साथ बैठक में शामिल हुए थे।

इस मामले पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे का ट्वीट भी आया था. जिसमें उन्होंने लिखा था, 'झारखंड मुक्ति मोर्चा के सूत्रों के मुताबिक कुछ विधायक सुबह दो बजे छत्तीसगढ़ पहुंचे। ज्यादातर विधायक जाने से कतरा रहे हैं और झामुमो के वरिष्ठ नेता बसंत सोरेन के आदेश का इंतजार कर रहे हैं। विधायकों के लिए कुछ बसें रांची में खड़ी हैं।

दरअसल झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को विधायक पद के अयोग्य ठहराने का आदेश शनिवार को निर्वाचन आयोग (ईसीआई) को भेज सकते हैं। राजभवन के सूत्रों ने यह जानकारी दी. इन खबरों के बीच सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो)-कांग्रेस-राष्ट्रीय जनता दल (राजद) गठबंधन आगे की रणनीति बना रहे हैं।

वहीं सोरेन ने शुक्रवार को ट्वीट किया था, "चूंकि हमारे विरोधी राजनीतिक रूप से हमसे मुकाबला करने में असमर्थ हैं, वे संवैधानिक संस्थानों का दुरुपयोग कर रहे हैं। लेकिन हम चिंतित नहीं हैं ... यह वे लोग हैं जिन्होंने हमें कुर्सी दी है ... आप जो कर सकते हैं करो, मेरे लोगों के लिए मेरा काम कभी नहीं रुक सकता।"

बता दें कि 81 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन के 49 विधायक हैं। सबसे बड़ी पार्टी झामुमो के 30 विधायक, कांग्रेस के 18 विधायक और तेजस्वी यादव के राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के एक विधायक हैं। मुख्य विपक्षी दल भाजपा के पास 26 विधायक हैं।

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