रांची: चारा घोटाले के अभियुक्त राजद अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने सीबीआई कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। जस्टिस एसएस प्रसाद की कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में लेते हुए होटवार जेल भेज दिया। कोर्ट ने रिम्स के डॉक्टर को लालू प्रसाद के मेडिकल चेक-अप का भी आदेश दिया है। लालू प्रसाद के वकील ने कहा कि आरजेडी सुप्रीमो को पहले जेल ले जाया जाएगा फिर रिम्स। इससे पहले, झारखंड उच्च न्यायालय ने 24 अगस्त को लालू प्रसाद यादव को विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करने के आदेश दिए थे। न्यायालय ने लालू को आत्मसमर्पण करने के लिए 30 अगस्त तक की मोहलत दी थी।
इससे पूर्व उच्च न्यायालय ने पिछली सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव की चारा घोटाले के देवघर कोषागार समेत सभी तीन मामलों में स्वास्थ्य कारणों से दी गयी अंतरिम जमानत की अवधि को आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया था। न्यायालय ने कहा था कि आवश्यक होने पर अब लालू का रांची के रिम्स अस्पताल में इलाज होगा। न्यायालय ने लालू को सीबीआई की विशेष अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करने के निर्देश दिए थे।
लालू की ओर से न्यायालय में पेश सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने इलाज के लिए लालू की अंतरिम जमानत तीन माह और बढ़ाने का अनुरोध किया था। उन्होंने बताया था कि लालू की किडनी में संक्रमण, फिस्टूला, हृदय एवं अन्य समस्याओं के चलते उनका सम्यक इलाज अभी भी एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट, मुंबई में आवश्यक है। लेकिन उनकी इस दलील का सीबीआई के अधिवक्ता राजीव सिन्हा ने विरोध किया था जिसके बाद न्यायालय ने लालू की अंतरिम जमानत की अवधि आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया था।
इससे पूर्व लालू यादव को 20 अगस्त की सुनवाई में 27 अगस्त तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी गई थी। लालू के अधिवक्ताओं ने अनुरोध किया था कि अंतरिम जमानत की इस अवधि को कम से कम 30 अगस्त तक बढ़ा दिया जाए, जिससे अभियुक्त का सीबीआई अदालत में आत्मसमर्पण कराया जा सके।
न्यायालय ने लालू के अधिवक्ताओं के इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए उनकी जमानत की अवधि 30 अगस्त तक इस शर्त के साथ बढ़ा दी कि हर हाल में वह 30 अगस्त तक सीबीआई की रांची के विशेष अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण कर देंगे।