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दुमका: झारखंड में धर्मांतरण गैरकानूनी और आपराधिक कृत्य है। इसके लिए कड़ी सजा के प्रावधान हैं। बावजूद इसके झारखंड में प्रचारकों का धर्मांतरण का खेल बदस्तूर जारी है। लोगों को जबरन ईसाई बनाने के जुर्म में शनिवार को 16 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। ये लोग अन्य धर्म की आलोचना कर लोगों को जबरन ईसाई बना रहे थे। मामला दुमका जिले के शिकारीपाड़ा का है। शिकारीपारा थाना की पुलिस ने 16 आरोपियों के खिलाफ झारखंड धर्म स्वतंत्र अधिनियम की धारा 4 और भादवि की धारा 295ए व 34 के तहत मामला दर्ज किया है। सभी को कोर्ट में पेश करने के बाद न्यायिक हिरासत में दुमका सेंट्रल जेल भेज दिया गया।

शिकारीपाड़ा प्रखंड के मलूटी पंचायत के फूलपहाड़ी गांव के ग्रामीणों ने इन धर्म प्रचारकों को बंधक बना लिया था। शनिवार की सुबह इन्हें पुलिस के हवाले कर दिया गया। गांव के प्रधान रमेश मुर्मू ने बताया कि शुक्रवार देर शाम सात बजे के करीब एक बस में सवार होकर ये लोग गांव पहुंचे थे। माइक से घोषणा कर लोगों को एकत्रित कर लिया था। इसके बाद इन लोगों ने उनसे कहा कि वे ईसाई धर्म कुबूल कर लें।

प्रधान के मुताबिक, ईसाई धर्म के इन प्रचारकों ने लोगों से कहा कि उनके गांव में जो मांझी थान और जाहेर थान है, उसमें शैतान निवास करते हैं। उन्होंने उनकी धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाते हुए पूजा-पाठ छोड़ देने की भी अपील की। प्रचारकों ने लोगों के ईसाई धर्म अपनाने पर कई तरह की सुविधाएं देने का आश्वासन दिया। कई प्रलोभन भी दिये। मना करने के बावजूद प्रचारक गांव में लोगों को बरगलाने की कोशिश करते रहे। इसलिए ग्रामीणों ने उन्हें बंधक बना लिया और सुबह पुलिस के हवाले कर दिया।

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