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नई दिल्ली: जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में भारत विरोधी नारे लगाए जाने के मामले में सबूतों की सत्यता स्थापित करने के लिए जांच बिठाने की नेताओं के प्रतिनिधिमंडल की मांग स्वीकार करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को दंडाधिकारी से जांच कराने के आदेश दिए। प्रतिनिधिमंडल में मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के राष्ट्रीय सचिव डी राजा और जनता दल युनाइटेड (जद-यू) के महासचिव केसी त्यागी शामिल थे। केजरीवाल ने यह घोषणा नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के तत्काल बाद की। प्रतिनिधिमंडल ने उनसे अनुरोध किया कि घटना के साक्ष्य की सत्यता जानने के लिए एक जांच की जानी चाहिए।

केजरीवाल ने ट्वीट किया, 'ऐसे दावे किए गए हैं कि जेएनयू के छात्र नेताओं ने भारत विरोधी नारे लगाए और इस दावे के खिलाफ यह कहा जा रहा है कि एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने यह काम किया। सच का पता लगाने के लिए दिल्ली सरकार जिला दंडाधिकारी (डीएम) को मामले की जांच करने का निर्देश दे रही है।' दरअसल, जेएनयू के छात्रों ने मंगलवार को संसद हमले के दोषी अफजल गुरु और जम्मू एवं कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के सहसंस्थापक मकबूल बट को फांसी पर लटकाए जाने की बरसी पर परिसर में एक बैठक आयोजित की थी, जहां कथित रूप से भारत विरोधी नारे लगाए गए थे। येचुरी ने सीएम केजरीवाल से मुलाकात में कहा, 'सबूतों की सत्यता स्थापित होनी चाहिए, जो सिर्फ स्वतंत्र जांच के जरिए ही संभव है। हम मुख्यमंत्री से मामले में स्वतंत्र जांच शुरू करने का अनुरोध करते हैं।'

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