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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): पंजाब के किसान जगजीत सिंह डल्लेवाल की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल 36 दिन से जारी है। बीमार किसान नेता के उपचार और उनकी सेहत ठीक रखने के लिए उठाए कदमों की आज सुप्रीम कोर्ट में समीक्षा की जानी थी। मगर, राज्य सरकार ने बताया कि डल्लेवाल को अस्पताल जाने के लिए मनाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन वो मान नहीं रहे हैं।

साथ ही पंजाब सरकार ने डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराने के शीर्ष अदालत के आदेश का पालन करने के लिए तीन दिन का और समय मांगा। इस पर अदालत ने सुनवाई दो जनवरी तक टाल दी।

पंजाब सरकार ने तीन दिन का और मांगा समय

जस्टिस सूर्यकांत और सुधांशु धूलिया की अवकाश पीठ ने मामले को दो जनवरी को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। दरअसल, पंजाब सरकार की ओर से पेश हुए एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह ने अदालत के 20 दिसंबर के आदेश के अनुपालन के लिए तीन दिन का और समय मांगने के लिए एक आवेदन दायर किया था।

29 दिसंबर को भी गई थी सरकार की एक टीम

बता दें, इससे पहले पंजाब सरकार के अधिकारियों की एक टीम 29 दिसंबर को 70 वर्षीय डल्लेवाल के पास गई थी। उन्हें चिकित्सा सहायता लेने के लिए मनाने का प्रयास किया गया, लेकिन डल्लेवाल ने इनकार कर दिया।

अगर केंद्र बातचीत के लिए तैयार तो डल्लेवाल मेडिकल सहायता लेंगे

पंजाब के एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह ने बताया कि अधिकारियों की एक टीम विरोध स्थल पर प्रदर्शनकारी किसानों से बातचीत कर रही है और डल्लेवाल को खनौरी सीमा के पंजाब की तरफ स्थित पास के अस्थायी अस्पताल में भर्ती कराने की कोशिश की जा रही है। विरोध स्थल पर लगभग 7000 कर्मियों को जुटाकर अनुपालन के प्रयास किए गए। उन्होंने पीठ को प्रदर्शनकारियों के प्रस्ताव के बारे में भी बताया कि अगर केंद्र उनसे बात करने के लिए तैयार होता है तो डल्लेवाल मेडिकल सहायता लेने के लिए तैयार हैं।

इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे कि क्या चल रहा है। अगर कुछ ऐसा होता है जो सभी पक्षों को स्वीकार्य है तो हम भी उतने ही खुश होंगे। अभी हम केवल अपने आदेशों के अनुपालन को लेकर चिंतित हैं।

भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पंजाब एजी द्वारा प्रस्तुत किए गए सबमिशन पर उनके पास कोई निर्देश नहीं है। पीठ ने अगली सुनवाई की तारीख पर पंजाब के मुख्य सचिव और डीजीपी की वर्चुअल उपस्थिति की भी आवश्यकता बताई। वह सुनवाई के दौरान वर्चुअल रूप से उपस्थित थे।

इससे पहले 28 दिसंबर को, शीर्ष अदालत ने पंजाब सरकार को डल्लेवाल को अस्पताल नहीं भेजने के लिए कड़ी फटकार लगाई थी।

क्या है किसानों की मांग, कहां हो रहा है प्रदर्शन?

अधिकारियों ने डल्लेवाल से विरोध स्थल से हटने की अपील भी की, लेकिन उन्होंने अनशन खत्म करने से साफ इनकार कर दिया। अब इस मामले में बल प्रयोग की आशंका भी प्रकट की जा रही है। बता दें कि किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी सहित कई मांगों को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। केंद्र पर दबाव बनाने के लिए बड़ी संख्या में किसान पंजाब-हरियाणा सीमा पर खनौरी में एकजुट हुए हैं।

ब्लड प्रेशर बहुत कम, चिकित्सा उपचार स्वीकार करने की अपील

29 दिसंबर को डॉक्टरों ने मेडिकल बुलेटिन जारी करते हुए कहा था कि डल्लेवाल का ब्लड प्रेशर बहुत कम है, जिसके कारण उन्हें बात करने में भी समस्या हो रही है। उनकी हालत दिन प्रतिदिन नाजुक होती जा रही है। नाजुक तबीयत को देखते हुए पंजाब सरकार के अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय टीम ने डल्लेवाल से अनुरोध किया था कि वे अनशन जारी रहने के बावजूद कम से कम चिकित्सा उपचार स्वीकार करें।

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